राजनाँदगाँव। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार जहां एक ओर गायों के संरक्षण के लिए गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojna) चला रही है तो वहीं दूसरी ओर जानवरों की तस्करी (Smuggling) करने वाले तस्करी करके कत्लखाने ले जाने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के राजनांदगांव जिले (Rajnandgaon District) से सामने आया है जहां 41 जानवरों की तस्करी करके महाराष्ट्र के बूचड़खाने ले जाते वक्त पुलिस ने तीन तस्करों को पकड़ा है. ये तीनों तस्कर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं.
मुखबिर से पुलिस को मिली थी सूचना
दरअसल राजनांदगांव पुलिस को देर रात मुखबिर से सूचना मिली की छत्तीसगढ़ के चिचोला की ओर से एक ट्रक में जानवरों की तस्करी की जा रही है. इस सूचना पर छुरिया थाना प्रभारी सी.आर.चन्द्रा द्वारा तत्काल कार्यवाही करते पुलिस टीम लेकर बसंत रजक के फारेस्ट नाका कल्लूबंजारी पहुंचकर नाकाबंदी की गई. नाकाबंदी के दौरान चिचोला की तरफ से आ रहे एक ट्रक संख्या MH 40 CD 9430 को रोका गया तो उसमें 15 गाय, 5 बैल, 15 नग बछड़ा, 6 नग बछिया समेत कुल 41 नग मवेशी पाए गए जिन्हें बिना चारा-पानी के क्रूरतापूर्वक महाराष्ट्र के बूचड़खाने ले जाया जा रहा था.
महाराष्ट्र के रहने वाले हैं तीनों तस्कर
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 3 तस्करों को गिरफ्तार किया है जिनके नाम क्रमशः वाहन चालक तिलक बोरकर,अब्दुल सोयेब और संजय पान्से हैं. ये तीनों तस्कर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. पुलिस ने तस्करों को गिरफ्तार कर ट्रक को भी जब्त कर लिया है जिसमें 41 मवेशी की तस्करी की जा रही थी. जप्त की गई सभी गायों को नंदनी गौशाला में रखवाया गया है. पुलिस ने अपील की है कि जो भी गाय के मालिक हैं यहां आकर गायों की पहचान करके अपनी गायों को ले जा सकते हैं.
पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम के तहत की कार्यवाही
राजनांदगांव पुलिस ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली की एक ट्रक में मवेशियों को भरकर ले जाया जा रहा है. मुखबिर की सूचना पर तत्काल नाकेबंदी की गई. इस दरमियान चिचोला की ओर से आ रही एक ट्रक को रोका गया और उसकी तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान ट्रक से 41 मवेशी बरामद किए गए हैं. इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही इनसे ट्रक सहित 13 लाख 76 हजार का समान जप्त किया गया है. तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 11 डीईएफ पशु क्रुरता निवारण अधिनियम 4, 6, 10 कृषक पशु परि. अधिनियम एवं 47-ए, 47-सी, 48, 49, 52 छत्तीसगढ़ पशु परि. अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है. मामले में आगे की जांच की जा रही है.