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CG : बीजेपी की चौथी लिस्ट ने दो नेताओं को दिया तगड़ा झटका; बृजमोहन की मेहनत पर फिरा पानी, अंबिकापुर और बेमेतरा से उतारा ‘खास’ उम्मीदवार

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने चार उम्मीदवारों की आखिरी लिस्ट बुधवार को जारी की। इस लिस्ट के आने के साथ ही बीजेपी ने सभी 90 सीटों के लिए उम्मीदवार तय हो गए हैं। बीजेपी की चौथी लिस्ट में सबसे बड़ा झटका कांग्रेस के बागी नेता चिंतामणि महाराज और बेमेतरा से जोगी कांग्रेस से भाजपा के शामिल हुए योगेश तिवारी को लगा है। सामरी विधानसभा सीट से विधायक चिंतामणि महाराज को कांग्रेस ने इस बार टिकट नहीं दिया है। टिकट कटने से नाराज चिंतामणि महाराज ने बीजेपी के टिकट पर अंबिकापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। वहीँ बेमेतरा से जोगी कांग्रेस से लड़कर 28000 से ज्यादा वोट बटोरने वाले योगेश को टिकिट देने की शर्त पर बड़े तामझाम के साथ भाजपा प्रवेश कराया गया था।

दरअसल, इन दोनों ही राजनितिक समीकरणों को हल करने के लिए बीजेपी के सीनियर नेता बृजमोहन अग्रवाल प्रयासरत थे। चिंतामणि महाराज से उनकी मुलाकात भी हुई थी। इस मुलाकात के बाद चिंतामणि महाराज ने कहा था कि बीजेपी उन्हें सरगुजा लोकसभा सीट से सांसद का टिकट देना चाहती है। चिंतामणि महाराज ने कहा था कि अगर उन्हें अंबिकापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया जाता है तो वे बीजेपी में शामिल हो जाएंगे। ठीक इसी तरह का वाक्या बेमेतरा से योगेश तिवारी के साथ हुआ। बल्कि वे तो एक कदम आगे बढ़ते हुए राजधानी में एक बड़े समारोह में केंद्रीय मंत्री के उपस्थिति में भाजपा भी प्रवेश कर लिए। पर भाजपा की अंतिम लिस्ट में दोनों ही जगहों से इन दोनों को निराशा हाथ लगी। भाजपा ने यहाँ किसी और को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया। बेमेतरा में तो अब तक सन्नाटा पसरा हुआ हैं। भजापा में न कोई उत्साह हैं न ही उमंग।

बीजेपी ने टीएस बाबा के करीबी को दिया टिकट
बुधवार को बीजेपी ने चार उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है उसमें अंबिकापुर विधानसभा सीट के लिए भी उम्मीदवार है। बीजेपी ने इस बार यहां से अनुराग सिंहदेव की जगह राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है। राजेश अग्रवाल कभी कांग्रेस में थे और डेप्युटी सीएम टीएस सिंहदेव के करीबी माने जाते थे। बीजेपी ने राजेश अग्रवाल को यहां से टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना दिया है।

बेमेतरा से नया चेहरा दीपेश साहू को उतारा मैदान में
बीजेपी ने अंतिम लिस्ट में यहाँ से दीपेश साहू को चुनाव को मैदान में उतारा हैं। मूलरूप से वह बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र के बाहर के निवासी हैं। भाजपा ने उन्हें पिछड़ा वर्ग का जिला अध्यक्ष बना रखा था। उसके बाद भी उनकी संगठन में ज्यादा पकड़ नहीं हैं। वे ज्यादातर कांग्रेसी नेताओं और मंत्रियों के ही इर्द गिर्द देखे जाते रहे हैं। टिकट डिक्लियर होने के बाद भी संगठन में कोई खास उत्साह नहीं देखा गया। फिर भी नया युवा चेहरा और बड़ी संख्या में उनके समाज के मतदाताओं को देखते हुए चुनाव एकतरफा ही हो जाएगा ऐसा लगता तो नहीं। पर संगठन और कार्यकर्ताओं ने मन लगाकर काम नहीं किया तो फिर हृदयराम वर्मा के चुनाव परिणाम जैसी स्थिति का भी सामना पार्टी को करना पड़ सकता हैं।

अंबिकापुर है टीएस सिंहदेव का गढ़
अंबिकापुर विधानसभा सीट को टीएस सिंहदेव का गढ़ माना जाता है। अंबिकापुर सीट से टीएस सिंहदेव लगातार तीन बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। टीएस सिंहदेव चौथी बार इस विधानसभा सीट से उम्मीदवार बने हैं। वहीँ बेमेतरा से आशीष छाबड़ा दूसरी बार मैदान में हैं। 2018 का चुनाव उन्होंने लगभग 24 हज़ार वोटों से जीती थी। उनकी लगातार सक्रियता और युवाओं के साथ साथ सर्व समाज में लोकप्रियता को देखते हुए ही भाजपा अंतिम समय तक मंथन के बाद प्रत्याशी दे पाई हैं। बता दें कि राज्य में विधानसभा की 90 सीटें हैं। पहले चरण में 20 और दूसरे चरण में 70 सीटों पर चुनाव होने हैं।

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