रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची जारी होने के बाद सूबे के कई इलाकों में घोषित प्रत्याशियों के विरोध की खबरें आ रही है। वैसे यह स्वाभाविक प्रक्रिया है मगर भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची आने के पहले संभावित सूची को लेकर जिस तरह से विरोध हुआ उससे पार्टी के वरिष्ठ नेता चिंतित है। यह चिंता नेताओं के चेहरे पर साफ़ साफ़ दिखने लगी हैं।
भाजपा की दूसरी सूची को लेकर सबसे ज्यादा विरोध रायपुर से लगे धरसीवा विधानसभा के प्रत्याशी अनुज शर्मा और आरंग विधानसभा के प्रत्याशी खुशवंत सिंह का हो रहा है। इनका विरोध तो इनका नाम घोषित होने के पहले ही शुरू हो गया था। मंगलवार को अनुज शर्मा के विरोध में रायपुर जिला ग्रामीण के उपाध्यक्ष महेश नायक सहित चार दर्जन से ज्यादा सक्रीय कार्यकर्ताओं ने मंडल अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वही इस क्षेत्र के बहुत से कार्यकर्ता भी इस्तीफा देने की तैयारी में है।
इसी तरह का माहौल आरंग क्षेत्र में भी बना हुआ है। रायपुर उत्तर से पुरंदर मिश्रा को प्रत्याशी बनाए जाने पर क्षेत्र के कार्यकर्ता निराश है। तखतपुर से हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश करने वाले और पिछला चुनाव जनता कांग्रेस से लड़ने वाले धर्मजीत सिंह का भी वहां के स्थानीय नेता खुलकर विरोध कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की एक और हाईप्रोफाईल सीट कोटा विधानसभा में इस बार भाजपा ने अनोखा प्रयोग किया है, जिसमें करीब चार सौ किलोमीटर दूर स्थित जशपुर से राजघराने के प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को प्रत्याशी बनाया है जिससे कांग्रेस को अब भाजपा को घेरने का मौका मिल गया है। पहली सूची में भी आधा दर्जन प्रत्याशियों का खुला विरोध देखा गया हैं। कई विधानसभा क्षेत्रों में तो अब संगठन के ज्यादातर पदाधिकारियों ने घोषित प्रत्याशियों से किनारा कर लिया हैं या उनके कार्यक्रमों से दुरी बना ली हैं। वहीँ कुछ जगहों पर कार्यकर्ता दूसरे विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों के प्रचार के लिए निकल गए हैं। बेमेतरा में अभी प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है वायरल सूची में राहुल टिकरिहा का नाम आने के बाद भी जबरदस्त विरोध हुआ था। उसके बाद भाजपा प्रवेश करने वाले योगेश तिवारी के प्रथम नगर प्रवास पर बीजेपी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने दुरी बना ली हैं। यही हाल साजा का हैं जहाँ प्रत्याशी घोषित होने के बाद कार्यकर्ताओं में न कोई उत्साह है न ही उमंग। वहां तो भाजपा के लोग ही सोशल मिडिया में इसे कांग्रेस के लिए वाक ओवर बताने में लगे हैं।
दरअसल कोटा विधानसभा बिलासपुर और गौरेला पेंड्रा मरवाही इन दो जिलों के अंतर्गत आती है। इस बार इन दो जिलों से करीब एक दर्जन नेताओं ने भाजपा से टिकट की दावेदारी की थी पर भाजपा ने इन दोनों जिले के नेताओं की बजाय जशपुर के रहने वाले प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को प्रत्याशी बनाया है। जिससे स्थानीय नेता और कार्यकर्ता नाराज है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि भाजपा की कोशिश रहती है कि सभी का सम्मान हो सभी को अवसर मिले। बहुत सारे दावेदार रहते हैं। हर विधानसभा में 6- 7 योग्य लोग हैं। वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं सब की उम्मीद रहती है। जब टिकट नहीं मिलती तो ये स्थिति निर्मित होती है नाराज नेता और कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे।
टिकट को लेकर नाराजगी और विरोध केवल भारतीय जनता पार्टी में ही नहीं बल्कि सत्ताधारी दल कांग्रेस में भी देखने को मिला। मंगलवार को रायपुर एयरपोर्ट में प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के सामने बिल्हा से संभावित उम्मीदवार राजेंद्र शुक्ल और भाटापारा से सुनील माहेश्वरी के समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन किया। इस पर प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने सफाई देते हुए कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है, थोड़े बहुत ऐसी बातें होती है। कांग्रेस में कहीं विरोध की बात नहीं है। भाजपा में कार्यकर्ता सड़कों पर आ गए हैं ,प्रदेश कार्यालय घेर रहे हैं। ऐसी स्थिति में भाजपा और कांग्रेस के सामने अपने रूठे हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाने की सबसे बड़ी चुनौती है। भारतीय जनता पार्टी के नेता इसको लेकर लगातार मंथन और चर्चा कर रहे है।