सुकमा। तेलंगाना की सीमा से सटे छत्तीसगढ़ के इलाके में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन जारी है। यहां एक बड़ा पहाड़ है, जो नक्सलियो का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। उस इलाके में नक्सलियों के बटालियन की गतिविधि थी, जिसकी सूचना जवानों को लग गई।
फिर एक बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया गया। इस ऑपरेशन में बीजापुर व सुकमा के करीब ढाई हजार जवानों को शामिल किया गया है। इस इलाके में अब तक ग्रे हाउंड्स के जवान ही ऑपरेशन किया करते थे, लेकिन काफी समय से कोई ऑपरेशन नहीं हो सका था।
कारण यह है कि छत्तीसगढ़ के जवानों के लिए उस इलाके में ऑपरेशन करना थोड़ा मुश्किल था, क्योंकि कैंप से काफी दूर और नक्सलियो का आधार वाला इलाका है। उसी का फायदा उठाते हुए नक्सली यहां पर जवानों को नुकसान पहुँचाने की रणनीति बना रहे थे।
16 जनवरी की दोपहर में ऐसा हुई ऑपरेशन की शुरुआत
16 जनवरी की दोपहर को सबसे पहले सुकमा के डीआरजी जवानों के साथ नक्सलियो की मुठभेड़ हुई। तीन तरफ से जवानों ने घेराबंदी करते हुए आगे बढ़े। उधर बीजापुर के जवानों आगे बढ़े उनके साथ मुठभेड़ हुई।
नक्सली अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग कर रहे थे और जवान भी जवाबी कार्रवाई कर रहे थे। शाम 5 बजे तक दोनों और से फायरिंग हुई। उसके बाद जवानों ने सर्चिंग करने का प्रयास किया, जिसमें 12 नक्सलियों के शव बरामद होने की खबर है।
उधर जवानों की सर्चिंग अभियान पूरा नहीं हुआ, क्योंकि ठंड के कारण जंगलों में जल्दी अंधेरा हो जाता है। इसलिए जवानों ने रातभर इलाके को घेर कर रखा है। सुबह फिर से सर्चिंग अभियान चलाया जाएगा और आंकड़ा और बढ़ सकता है।
साथ ही मुठभेड़ होने की और संभावना बताई जा रही है। अगर नक्सली वहां छुपे हैं या फिर आसपास इलाके में और नक्सली मौजूद हैं, तो फिर से मुठभेड़ होने की संभावना जताई जा रही है। जवान भी भूखे-प्यासे रातभर जंगल मे डटे हुए हैं।
दूसरी और दोनों जिलों के पुलिस अधिकारी भी बीजापुर जिला मुख्यालय के वार रूम में मौजूद हैं। खुद आईएजी सुंदरराज पी भी ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। आज दोपहर तक स्पष्ठ आंकड़े सामने आ जायेंगे।