रायपुर। छत्तीसगढ़ के दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ नियमितीकरण, स्थायीकरण, कार्यभारित तथा आकस्मिकता सेवा निधि नियम के मांग को लेकर हड़ताल में पिछले 38 दिनों से डंटे हुये है! इस दौरान 03 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी का निधन हो चुका है और 08 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की तबियत खराब है। अब तक शासन के तरफ से, वन मंत्री की तरफ से कोई पहल क्यों नही हो रहा है समझ से परे है!
लगातार अन्य संगठन के पदाधिकारी भी आकर दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारियों को समर्थन दे रहे है! दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के पदाधिकारी अरविंद वर्मा ने बताया कि अभी तो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सांथी हड़ताल में हैं अगर सरकार हमारी मांगो को पुरा नही करेगी हमारे आवाज को नही सुनेगा तो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का पुरा परिवार हड़ताल में शामिल होने पहुंचेगा।
कांग्रेस सरकार की तरह ही नक्शे कदम में चल रहा है भाजपा की सरकार, हमारे मांगो को पुरा करने में पिछे हट रहा है, बड़े ही उम्मीद के सांथ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी बैठे है कि एक न एक दिन भाजपा नियमितीकरण करेगा!
प्रदेशाध्यक्ष रामकुमार सिन्हा के निर्देशन पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव के जन्मदिन पर तुता धरना स्थल पर एक पेंड़ मां के नाम से सैंकड़ो वृक्ष लगाकर रोपण किया। हजारों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने वृक्षारोपण कर एक नया संदेश दिया है, तुता की इस विरान धरना स्थल में हड़ताली कर्मचारियों के लिये पेड़ लगाया ताकी आने वाला समय में भरी धूप में छांव मिल सकें!
सरकार द्वारा 38 दिनों से हड़ताल में डंटे कर्मचारियों से अग्नि परिक्षा लिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ से हर वन मंडल व जिला से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हड़ताल में पहुंचे है, 7000 सभी दैनिक वेतन भोगी प्रधान मंत्री को पत्र लिखकर अपनी पिड़ा बतायेंगें और यह भी बताएँगे कि यही सभी मंत्री है जो हमारे धरना स्थल पर उपस्थित होकर नियमितीकरण किये जाने का वादा किया था और आज नही कर रहे है! सभी फोटो व विडियो प्रधान मंत्री को भेजेंगें दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का क्या हाल करके रखे है सरकार और प्रशासन 7,000 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी हस्ताक्षर युक्त पत्र मोदी के नाम लिखेंगें!
कर्मचारियों का आरोप है कि पहला वन मंत्री हैं जो हड़ताली कर्मचारियों का सुध नही ले रहे है अभी तक तो मांग पुरा कर देना चाहिये था लेकिन आज तक निर्णय नही ले पा रहे है कारण क्या है समझ से परे है। वन मंत्री निर्णय लेने में स्वयं सक्षम है लेकिन कौन व्यक्ति है परदे के पिछे जो वनमंत्री को मजबुर करके रखे है जिसके कारण निर्णय नही ले पा रहे है! वन मंत्री का अधिकार क्षेत्र है स्वयं निर्णय लेकर हड़ताली कर्मचारियों का हड़ताल समाप्त कटा सकते है, वित्त मंत्री ने हड़ताली कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि आप वन मंत्री को बोलकर मेरे वित्त विभाग में प्रस्ताव भेजवाईये कार्यभारित आकस्मिकता सेवा नियम तथा स्थायीकरण के लिये मेरे पास पैसा है मैं दे सकता हुं। उसके बाद भी वन मंत्री प्रस्ताव नही भेज रहे है क्या कारण है बस्तर व नारायणपुर क्षेत्र के लोग वन मंत्री केदार कश्यप के लिये बहुत नाराज है हमारे विधायक व हमारे मंत्री हमारा ही भलाई नही चाह रहे है समझ से परे है बोल रहे।प्रधानमंत्री मोदी और किरण देव के जन्मदिन पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने नियमितीकरण, स्थायीकरण तथा कार्यभारित आकस्मिकता निधि सेवा नियम तत्काल लागु किये जाने का मांग की है!