रायपुर : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अब छत्तीसगढ़ में भी जांच कर सकेगी। प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार ने करीब पांच साल पहले लगी रोक को वापस ले ली है। यानी अब सीबीआई राज्य में पहले की तरह जांच कर सकेगी। राज्य सरकार के गृह विभाग ने सीबीआई की ओर से जांच और अनुसंधान के लिए अधिकारिता के संबंध में भूपेश राज की सरकार में केंद्र सरकार को 10 जनवरी 2019 को भेजे गए विभागीय पत्र को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है।
दरअसल, राज्य में बीजेपी की सरकार बनते ही विष्णुदेव सरकार ने 3 जनवरी 2024 के कैबिनेट की बैठक में पीएससी 2021-22 में हुए गड़बड़ियों की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। वहीं बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में भी वादा किया था कि वह सरकार में आने पर सीजीपीएससी भर्ती की अनियमितता की जांच करायेगी। इस संबंध में राज्य शासन ने महीनेभर बाद ईओडब्ल्यू एसीबी में एफआईआर भी दर्ज कराई थी। फिलहाल, सीबीआई पर राज्य में लगा प्रतिबंध हट गया है, इसलिए सीबीआई अब कभी भी प्रदेश में आ सकती है।
सीबीआई ने गृह विभाग से मांगी थी अनुमति
बीते महीने 29 जनवरी 2024 को सीबीआई ने भिलाई में एक बीएसपी कर्मी शम्सुज्जमा खान को रिश्वत लेते पकड़ा था। इसी मामले की जांच के लिए सीबीआई ने गृह विभाग से अनुमति मांगी थी। छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को जांच की अनुमति दे दी है। इस मामले की जांच सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना यानी डीएसपीआई अधिनियम के तहत की जाएगी। इस लेकर गृह विभाग ने नोटिफिकेश भी जारी कर दिया है। जिस मामले में सीबीआई जांच करेगी, वह मामला रिश्वतखोरी से जुड़ा है।
वर्ष 2018 में कांग्रेस सरकार ने लगाई थी रोक
वर्ष 2018 में कांग्रेस सरकार में सीएम भूपेश बघेल ने राज्य में सीबीआई की प्रवेश पर रोक लगा दिया था। सीबीआई को मिली सहमति को भूपेश सरकार ने रद्द कर दिया था। इस वजह से भ्रष्टाचार के मामले में पकड़े गए आरोपी की जांच के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगनी पड़ी थी, जिसकी अनुमति राज्य सरकार ने नहीं दी थी। अब बीजेपी की सरकार बनने पर सहमति मिल गई है। सीबीआई को जांच के लिए सहमति दिए जाने के बाद अब छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में भ्रष्टाचार मामले की सीबीआई जांच का रास्ता साफ हो गया है।
पीएससी अध्यक्ष के खिलाफ मामले दर्ज
ईओडब्ल्यू में पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव समेत कई अन्य अधिकारियों और राजनेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र के मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य सेवा परीक्षा-2021 के अंतर्गत 12 विभागों के 170 पदों पर भर्ती के लिए चयन सूची जारी की गई थी, जिसे लेकर अनियमितता की शिकायतें मिली थीं।