नईदिल्ली। मोदी सरकार के कार्यकाल में भारतीय रेल जहां वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेन चलाकर नई ऊंचाइयों को छू रही है. वहीं उसने बीते दो साल में सीनियर सिटीजंस से भी एक्स्ट्रा कमाई कर डाली है. रेलवे ने 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच देश के बड़े-बूढ़ों से 2,242 करोड़ रुपये कमाए हैं. जबकि कभी सरकार वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे यात्रा में किराये पर छूट दिया करती थी.
रेलवे में सीनियर सिटीजंस को मिलने वाली किराये पर छूट को सरकार कोविड के दौरान बंद कर दिया था. ये रोक मार्च 2020 में लगाई गई और उसके बाद से जारी है. पहले इस कंसेशन के तौर पर रेलवे 60 वर्ष के अधिक उम्र के पुरुष और ट्रांसजेंडर को किराये में 40 प्रतिशत और 58 वर्ष से अधिक की महिलाओं को 50 प्रतिशत की छूट दिया करती थी. ये छूट सभी श्रेणियों में यात्रा करने के लिए मिलती थी.
आरटीआई में हुआ खुलासा
मध्य प्रदेश के आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्र शेखर गौड़ ने रेलवे से इस बाबत जानकारी मांगी थी. भारतीय रेल ने बताया कि 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच करीब 8 करोड़ सीनियर सिटीजंस ने रेल से यात्रा की. इसमें करीब 4.6 करोड़ पुरुष, 3.3 करोड़ महिला और 18,000 ट्रांसजेंडर्स थे. उसने इन सभी को इस दौरान किसी भी तरह की किराये में छूट नहीं दी.
इस दौरान रेलवे की सीनियर सिटीजंस से कुल कमाई 5,062 करोड़ रुपये रही. इसमें 2,242 करोड़ रुपये की कमाई एक्स्ट्रा है क्योंकि उसने अब किराये पर छूट देना बंद कर दिया है.
2020-2022 में भी जबरदस्त कमाई
आरटीआई में ये भी सामने आया कि रेलवे ने मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 के बीच 7.13 करोड़ सीनियर सिटीजंस को किराये में छूट नहीं दी. इसमें 4.46 करोड़ पुरुष, 2.84 करोड़ महिलाएं और 8,310 करोड़ ट्रांसजेंडर लोग थे. इस दौरान रेलवे की बड़े-बूढ़ों से होने वाली इनकम 3,464 करोड़ रुपये रही. ये उसके किराये पर छूट देने के बाद होने वाली कमाई से 1,500 करोड़ रुपये अधिक है.