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वास्तु के हिसाब से ही खरीदें नया बेड, नेगेटिव एनर्जी से रहेंगे दूर

आज के दौर में लोग फिट रहना चाहते हैं। फिटनेस का संबंध कहीं न कहीं नींद से होता ही है, इसलिए बेड हमारे जीवन में बहुत जरूरी होता है। ऐसे में बेड बनवाने से पहले लकड़ी और लगवाते समय सही दिशा का चयन करें।

ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि वास्तु के हिसाब से बेड खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

बेड से जुड़े वास्तु के बारे में जानें

बेड पर सोते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका सिर दक्षिण दिशा की तरफ ही हो। बेड के नीचे किसी भी तरह का अशुद्ध सामान नहीं होना चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक सामान को भी रखने से बचें। यह किसी भी तरह के रोग को जन्म दे सकता है।

वास्तु बनवाते समय यह ध्यान दें कि लकड़ी की उम्र 16 वर्ष से 150 वर्ष के बीच में ही हो। शीशम की लकड़ी का उपयोग कर सकते हैं। उसकी आयु 300 तक की भी हो सकती है। यह बेड के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। आप बेड बनवाने जाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि बबूल और इमली की लकड़ी न लें। यह नेगेटिव एनर्जी और भूत-प्रेत का कारण बन सकती हैं।

इन बातों का जरूर रखें ध्यान

बेड मेटल का नहीं होना चाहिए। लकड़ी का ही सबसे अच्छा होता है।

बेड का डिजाइन चौकोर ही होना चाहिए। गोल डिजाइन अशुभ होता है।

बेड छोटा न बनवाएं। इसकी लंबाई अधिक ही शुभ मानी जाती है।

बेड में कभी भी शीशा नहीं लगवाना चाहिए। यह वास्तु दोष को पैदा करता है।

बेड खरीदते समय कोशिश करें कि मेटल का बेड न लें। लकड़ी का ही बेड लेना उत्तम है।

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