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ब्रिटिश कोर्ट ने तीन भारतीय मूल के लोगों को सुनाई 15 साल की सजा, कनाडा से करते थे ड्रग की तस्करी

लन्दन : यूके कोर्ट ने एक आपराधिक गिरोह के तीन भारतीय मूल के सदस्यों को ड्रग्स की तस्करी मामले में 15 साल की सजा सुनाई है। ये तीनों ही संगठित आपराध संमूह के सदस्य थे, जो यूके से कनाडा मादक पदार्थो की तस्करी कर रहे थे।

गिरोह के तीन भारतीय मूल सदस्यों की पहचान 32 वर्षीय करन गिल, जुग सिंह और 30 वर्षीय गोविंद बहिया के तौर पर की गई है। ये तीनों अपने 32 वर्षीय साथी ग्रेगरी ब्लैकलॉक के साथ पकड़े गए थे। फरवरी में हीथ्रो हवाई अड्डे पर यूके बॉर्डर फोर्स के अधिकारियों ने कैनाबीस के बड़े बक्से के साथ उन्हें पकड़ा था।

केंट पुलिस के अनुसार उन चारों को पिछले महीने दक्षिण लंदन के वूलविच क्राउन कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था। जांच अधिकार केंट और एसेक्स गंभीर अपराध निदेशालय के डिटेक्टिव कांस्टेबल स्टीव ब्राउन ने बताया- एंक्रोचैट मोबाइल फोन प्लैटफॉर्म के जरिए ऐसे असंख्यक अपराधियों को रंगे हाथ पकड़कर उन्हें अदालत के सामने पेश किया गया है।

पूरे यूरोप में आपराधिक गिरोह ने सोचा कि वे अपनी आपराधिक गतिविधियों पर कुले तौर पर चर्चा कर सकते हैं। हालांकि, वे इस बात से बेखबर थे कि वे जितना सोच रहे हैं व्यवस्था उतनी सुरक्षित नहीं है। उन्हें द्वारा भेजा हर एक मेसेज उन्हें जेल के करीब ला रहा था। अपराध कीमत नहीं चुकाता है और मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि जो भी अपराध में शामिल थे वे सभी फिलहाल जेल में हैं।

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