छत्तीसगढ़ के स्कूलों में रौनक : CM ने मिठाई खिलाकर, तिलक लगाकर कराया शाला में प्रवेश, बांटे गणवेश

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज यानी सोमवार से स्कूलों रौनक लौट आई। बच्चों के किलकारियों और चहल-पहल से पूरे स्कूल परिसर गूंज उठे। प्रदेश के मुखिया सीएम भूपेश बघेल ने राजधानी के जेएन पांडेय शासकीय उत्कृष्ट हिन्दी विद्यालय पहुंचकर नए शिक्षा सत्र 2023-24 की शुरुआत की। इस दौरान सीएम ने बच्चों को तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर और माला पहनाकर शाला में प्रवेश कराया। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से स्कूली बच्चों को गणवेश बांटा।

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, प्राचार्यों और अभिभावकों को नए शिक्षा सत्र के शुभारंभ और शाला प्रवेशोत्सव की बधाई और शुभकामनाएं दी। कहा कि सभी उत्कृष्ट शिक्षा के लिए पहले दिन से ही पहल करें। बता दें कि इस वर्ष 4 हजार 318 बालवाड़ियां खोली गई हैं। बच्चों स्थानीय बोली-भाषा में शिक्षा दी जाएगी। सीएम ने बालवाड़ी योजना के दूसरे चरण में 4318 बालवाड़ियों का शुभारंभ किया। पहले चरण में प्रदेश में कुल 5173 बालवाड़ियां खोली गई थीं। अब इनकी संख्या 9491 हो गई हैं। प्रदेश में 20 भाषा-बोलियों में द्विभाषी पुस्तकें तैयार की गई हैं।
’मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना’ के तहत 29 हजार 284 स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए लगभग 2 हजार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।

इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रवेशोत्सव मनाकर नन्हें-मुन्ने बच्चों का स्वागत और अभिनंदन किया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों और आमजनों से अनुरोध किया है कि शाला प्रवेश के दिन अपने नजदीक के विद्यालय में जाकर बच्चों का मनोबल बढ़ाएं और समय-समय में स्कूल जाकर शिक्षकों के साथ शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता को सुधारने में लगातार सहयोग भी करें। इस वर्ष स्कूल खुलते ही बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तके, गणवेश बांटे जाएंगे। वहीं कक्षा नवमीं में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को निःशुल्क साइकिल दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम के 377 और हिन्दी माध्यम के 350 स्कूल शुरू किए गए हैं। इन विद्यालयों की लोकप्रियता निजी स्कूलों से भी कहीं बेहतर है। हमारी सरकार ने बच्चों को अंग्रेजी भाषा सीखाने पर विशेष ध्यान दिया है ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़े हो सके। वहीं दूसरी ओर हमने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा स्थानीय बोलियों में करने की व्यवस्था भी की है। प्रदेश में 20 भाषा-बोलियों में द्वि-भाषीय पुस्तकें तैयार की गई है, जिससे छत्तीसगढ़ में रहने वाले बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की शुरूआत करने का अवसर मिल सके।
’मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना’ के तहत 29 हजार 284 स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए लगभग 2 हजार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।

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