नईदिल्ली। राजधानी स्थित सफदरजंग अस्पताल से एक बड़ी खबर सामने आई है. सीबीआई ने पैसों के बदले इलाज करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉक्टर मनीष रावत को गिरफ्तार किया गया है. ये पहली बार नहीं है जब डॉ मनीष रावत पर इस तरह के आरोप लगे हों, कुछ साल पहले भी उन पर भष्ट्राचार के आरोप लग चुके हैं. सीबीआई ने डॉक्टर समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि डॉक्टर मनीष रावत सर्जरी में प्रयोग होने वाले उपकरण खरीदने के लिए एक खास स्टोप पर तमीरदारों को जाने के लिए मजबूर करते थे.
ताकि स्टोर मालिक को जो पैसा मिले उसमें से उनको भी कमाई हो. सीबीआई ने सर्जिकल उपकरण की दुकान के मालिक को भी गिरफ्तार किया है. वहीं इस मामले में सफदरजंग हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ बीएल शेरवाल ने बताया कि अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग के न्यूरो सर्जन डॉ मनीष रावत पर लगे आरोपों की जानकारी उनको है. इस मामले में अस्पताल प्रशासन डॉक्टर रावत के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही कर रहा है.
ऑपरेशन के लिए तमीरदारों ने खाते में जमा कराए रुपए
आरोप है कि डॉक्टर ने ऑपरेशन करने के लिए निजी रूप से तमीरदारों से रकम ली है. डॉक्टरों के बोलने पर तमीरदारों ने किसी अन्य के अकाउंट में रकम डाली थीं. आरोप हैं कि डॉक्टर ने मरीजों से ड़ेढ लाख रुपए तक वसूले हैं. किसी मरीज से 30 हजार तो किसी से 55 हजार रुपए तक लिए हैं. साथ ही यह भी आरोप है कि डॉक्टर मनीष तमीरदारों से लिए पैसों को एक कंपनी की मदद से मैनेज कर रहा था.
लग्जरी लाइफ जी रहा था डॉक्टर मनीष
अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टरों की माने तो डॉ मनीष का लाइफस्टाइल और तौर-तरीके के देख उन्हे हमेशा ही उस पर शक रहता था. डॉ मनीष की कुछ आदतें भी ऐसी थीं जो साथी डॉक्टरों को सही नहीं लगती थीं. सीबीआई को जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी ने अपने परिवार के साथ केरल में वेकेशन मनाने के लिए एक मरीज से 1 लाख रुपए लिए थे, साथ ही उसकी पत्नी ने साड़ी की दुकान से 19 हजार रुपए का सामान लिया.
सीबीआई ने सफदरजंग अस्पताल के अलावा दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई जगह पर छापेमार कार्रवाई की है. इस दौरान टीम को कई डॉक्यूमेंट, डिजिटल इक्यूपेंट सहित अन्य कई चीजे बरामद की हैं. बता दें कि सीबीआई ने न्यूरोसर्जन डॉ मनीष रावत, अवनेश पटेल, मनीष शर्मा, दुकान मालिक दीपक खट्टर और कुलदीप को गिरफ्तार किया है.