नई दिल्ली : भारतीय मुक्केबाजी टीम के हाई परफॉरमेंस निदेशक बरनार्ड डन ने साफ कर दिया है कि एशियाई खेलों और पेरिस ओलंपिक केलिए चयन ट्रॉयल के आधार पर टीम का चयन नहीं होगा। चयन के लिए मुक्केबाजों के मूल्यांकन को ही अपनाया जाएगा। यही डन ने यह भी साफ कर दिया है कि विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन 50 और 75 भार वर्ग में एशियाई खेलों के लिए टीम में सीधा प्रवेश मिलेगा।
डन के मुताबिक नई चयन नीति के हिसाब से विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले मुक्केबाजों को एशियाई खेलों के लिए सीधा प्रवेश मिलना है। एशियाई खेल पेरिस ओलंपिक का क्वालिफायर हैं। यहां स्वर्ण जीतने वाले को ओलंपिक का टिकट मिलना है। ऐसे में निकहत और लवलीना एशियाई खेल का टिकट हासिल कर चुके हैं।
ओलंपिक भार वर्ग में आने को देना होगा ट्रायल
डन के मुताबिक नई चयन नीति के हिसाब से ओलंपिक भार वर्गों में राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं के बीच ट्रायल कराया जाएगा। जो भी मुक्केबाज ओलंपिक भार वर्ग के मूल्यांकन में शामिल होना चाहते हैं उन्हें ट्रायल देना होगा। इस ट्रायल में पहले दो स्थान पर आने वाले मुक्केबाजों को शिविर में प्रवेश मिलेगा।
ओलंपिक भार वर्ग में विश्व चैंपियनशिप में खेलने वाले मुक्केबाजों को ट्रायल नहीं खेलना होगा। शिविर में शामिल शीर्ष तीन मुक्केबाजों के बीच ओलंपिक टीम के लिए मूल्यांकन के आधार पर चयन होगा। ओलंपिक में महिला वर्ग में 50, 54, 57, 60, 66 और 75 भार वर्ग शामिल हैं। नीतू, मंजू रानी, साक्षी जैसी मुक्केबाजों को 50 भार वर्ग में आकर ओलंपिक केलिए दावेदारी पेश करनी होगी।