नई दिल्ली : भारतीय मुक्केबाजी संघ (आईबीएफ) की ओर से डोप में फंसे मुक्केबाज को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट स्ट्रेंड्जा कप में खेलने सोफिया (बुल्गारिया) भेज दिया गया। इस मुक्केबाज को पहले दौर का मुकाबला खिलाने की तैयारियां भी शुरू हो गई थीं। बाउट से एक घंटे पहले इस मुक्केबाज को खेलने से रोका गया। उसे अपने प्रतिद्वंद्वी कजाखस्तान के बेकजात तांगतार को वॉकओवर देना पड़ा।
राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीता था स्वर्ण
स्ट्रेंड्जा कप के लिए 86 भार वर्ग में पंजाब के कार्तिक का चयन किया गया था। कार्तिक ने हिसार में हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में इस भार में स्वर्ण जीता था। उन्हें चैंपियनशिप का सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज भी आंका गया। इस प्रदर्शन के आधार पर कार्तिक का चयन 20 से 26 फरवरी को हुए स्ट्रेंड्जा कप के लिए कर लिया गया। टीम को दिल्ली से सोफिया के लिए 18 फरवरी को रवाना कर दिया गया। टूर्नामेंट शुरू भी हो गया और कार्तिक को 86 भार वर्ग की बाउट खिलाने स्टेडियम भी ले आया गया, जहां चीफ कोच सी कुटप्पा उन्हें बाउट के लिए तैयारी भी करा रहे थे। तभी पता लगा कि कार्तिक राष्ट्रीय चैंपियनशिप में डोप में फंसे हैं। इसके बाद उन्हें खेलने से रोका गया और वॉकओवर कराया गया।
रिपोर्ट पहले ही भेज दी गई थी
हैरानी की बात यह है कि नाडा की ओर से लिए कार्तिक के सैंपल का परिणाम टीम की रवानगी से पहले ही मुक्केबाजी संघ और मुक्केबाज को भेज दिया गया था। बावजूद इसके कार्तिक को सोफिया जाने सेे नहीं रोका गया और उन्हें टीम के साथ भेज दिया गया। खुद कार्तिक ने भी इस बारे में किसी को नहीं बताया। दावा किया जा रहा है कि कार्तिक को रिपोर्ट नहीं मिली थी। अगर कार्तिक को सोफिया नहीं भेजा जाता तो सरकार की ओर से उन्हें भेजने, रहने, खाने का खर्च बच सकता सकता था, साथ ही टूर्नामेंट में देश को किरकिरी से बचाया जा सकता था। मुक्केबाजी संघ के एक पदाधिकारी कहना है कि कार्तिक ने रिपोर्ट के बारे में नहीं बताया, जिसके चलते उन्हें भेजा गया। उन पर अस्थाई प्रतिबंध लग चुका है।