बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में दो आरपीऍफ़ जवानों पर रेलवे की संपत्ति को चोरी करने का आरोप लगा है। आरोप है कि, दोनों ने ट्रेन के वैगन से आयरन प्लेट्स को गिराया और फिर 50-60 बोरियों में भरकर उसे कबाड़ी में बेच दिया। चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद दूसरे दिन दोनों जवान एक कबाड़ी के घर गए और घर वालों से दुर्व्यवहार किया। इतना ही नहीं वे कबाड़ी के बेटे को पकड़कर तिल्दा चौकी ले आए।
बताया जाता है कि, कबाड़ी के यहां से चोरी का कोई सामान बरामद भी नहीं किया गया था। इससे परेशान कबाड़ी ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। इस मामले में विभागीय जांच पूरी होने के बाद दोनों से 15 दिनों के भीतर आला अफसरों ने जवाब मांगा था। दोनों ने जांच रिपोर्ट को निरस्त करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसके बाद इस मामले की सुनवाई जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास के सिंगल बेंच में हुई।
यह है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, बिलासपुर के तालापारा निवासी एके पात्रे और तिल्दा निवासी मोहित कुमार आरपीएफ के तिल्दा पोस्ट में हेड कांस्टेबल के पद पर पदस्थ थे। 28 दिसंबर 2021 को आयरन प्लेट्स से भरा रैक मांढर रेलवे स्टेशन पहुंचा। दोनों जवानों पर आरोप है कि, दोनों ने रैक के ताले खोले और कुछ लोगों की मदद से आयरन प्लेट्स गिराए। उसके बाद 50-60 बैग में भरकर इन आयरन प्लेट्स को एक कबाड़ी को बेच दिया। दूसरे दिन दोनों ने मांढर निवासी कबाड़ी अब्दुल खान को पकड़ लाये। पूछताछ के दौरान दोनों जवानों पर हमला करने के आरोप में कबाड़ी के बेटे साहिल खान पर झूठा मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। इस घटना से परेशान कबाड़ी अब्दुल खान ने 10 जनवरी 2022 को अमरकंटक एक्सप्रेस से कटकर अपनी जान दे दी थी।
बेटी ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
पिता की मौत के बेटी जन्नत खान ने आरपीएफ के दोनों जवानों के खिलाफ पिता व भाई को प्रताड़ित करने और झूठे आरोप में फंसाने का आरोप लगाती हुई शिकायत की और इस पूरे मामले की जांच की मांग की थी। जिसके बाद प्रारंभिक जांच के बाद 10 जनवरी 2022 को ही दोनों जवानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। 30 जनवरी 2022 को आरोप पत्र जारी किया गया। इसके खिलाफ दोनों ने पूर्व में याचिका लगाई थी, जिसे हाई कोर्ट ने निराकृत कर दिया था। मामले की जांच पूरी होने के बाद जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। 27 अप्रैल 2022 और 28 अप्रैल 2022 को सौंपे जांच रिपोर्ट पर दोनों जवानों को 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए थे। जांच रिपोर्ट में लगाए गए आरोप को चुनौती देते हुए दोनों जवानों ने अपने अधिवक्ता के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इन धाराओं के तहत हुआ केस दर्ज
आरपीएफ के दोनों जवानों पर जांच रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि, वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का उल्लंघन करने, चोरी में शामिल होने, कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने और मृतक अब्दुल खान के साथ दुर्व्यवहार- मारपीट करने का आरोप है। आरपीएफ के दोनों जवानों के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरपीएफ के दोनों की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने दोनों आरोपी जवानों को जांच रिपोर्ट में जवाब पेश करने की छूट दी है।