निकाय चुनाव: बगावत से बिगड़ सकते हैं सियासी समीकरण, बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं ने भरे निर्दलीय नामांकन

रायपुर। निकाय चुनाव के लिए नामांकन का आज अंतिम दिन था. अंतिम दिन बीजेपी और कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों ने जहां तामझाम के साथ नामांकन दाखिल कर दिया है, वहीं टिकट कटने और न मिलने से नाराज नेताओं ने भी निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है. अब सवाल है कि नाराज नेताओं की बगावत से क्या राजनीतिक दलों के समीकरण बिगड़ सकते हैं. आखिर पार्टी समय पर नाराज नेताओं को मनाने में क्यों विफल रही है और अब इन बागी नेताओं से पार्टियों को कितना नुकसान होगा. आइए जानते हैं प्रदेश के किन-किन निकायों में बगावत के स्वर फूटे हैं.

बिलासपुर में त्रिलोक श्रीवास ने किया बगावत

बिलासपुर में कांग्रेस नेता त्रिलोक श्रीवास पार्टी के अधिकृत महापौर प्रत्याशी प्रमोद नायक के खिलाफ निर्दलीय मैदान पर उतर चुके है. पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बगावत करते हुए आज नामांकन दाखिल कर दिया है. वही बिलासपुर में बीजेपी के उमेश चन्द्र कुमार ने पार्षद के लिए निर्दलीय फॉर्म भरा है.

कोरबा निगम में भी मची फूट, मालती किन्नर ने भरा निर्दलीय नामांकन

कोरबा में कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी उषा तिवारी के ख़िलाफ़ कांग्रेस नेता मालती किन्नर ने बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय नामांकन भरकर पार्टी को नुकसान पहुंचाने की पूरी तैयारी कर ली है.

बीजेपी में नहीं बनी बात तो रायगढ़ के पूर्व महापौर निर्दलीय तैयार

इधर रायगढ़ नगर निगम में कांग्रेस नेता और पूर्व महापौर जेठूराम मनहर ने भी निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है. दो महीने पहले ही पार्टी से उन्होंने इस्तीफा दिया था. खबर है कि जेठूराम मनहर बीजेपी में प्रवेश करने के लिए प्रयासरत थे. इसके साथ ही अपने बेटे के लिये पार्षद की टिकट भी बीजेपी से लेने की तैयारी में थे, लेकिन पार्टी ने किसी प्रकार की दिलचस्पी नहीं दिखाई और अब वे निर्दलीय ही मैदान पर उतर चुके है.

वहीं प्रदेश के 5 से अधिक नगर पालिका परिषद में बगावत कर नेताओं ने अध्यक्ष पद पर नामांकन दाखिल की है. इनमें-

गरियाबंद नगर पालिका

भाजपा के बागी नेता- प्रशांत मानिकपुरी ने अध्यक्ष पद के निर्दलीय नामांकन भरा है. यहां भाजपा से अधिकृत प्रत्याशी रीखी राम यादव हैं.

कटघोरा नगर पालिका

कांग्रेस के बागी नेता- कोमल जयसवाल ने अध्यक्ष पद के निर्दलीय नामांकन भरा है.कांग्रेस से अधिकृत प्रत्याशी हैं राज जयसवाल

रतनपुर नगर पालिका

कांग्रेस के बागी नेता- रमेश सूर्या ने अध्यक्ष पद के निर्दलीय नामांकन भरा है.
बीजेपी के बागी नेता- कन्हैया यादव ने अध्यक्ष पद के लिए फॉर्म भरा है.
कांग्रेस से अधिकृत प्रत्याशी शीतल जसवाल और बीजेपी से लवकुश कश्यप हैं

कुम्हारी नगर पालिका

कांग्रेस के बागी नेता पालिका अध्यक्ष के लिए कांग्रेस की बेबी वर्मा ने अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय नामांकन भरा है. कांग्रेस पूर्व पीआईसी और दो बार के पार्षद थनेश पटेल की पत्नी रामप्यारी पटेल को अध्यक्ष पद का अधिकृत प्रत्याशी बनाया है

अहिवारा नगर पालिका

बीजेपी के बागी नेता विद्यानन्द साहू ने निर्दलीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा है. भाजपा ने पूर्व पालिका अध्यक्ष नटवर ताम्रकार को बनाया है अधिकृत बनाया

पार्षदों ने भी की जमकर बगावत

वार्डों के फाइनल लिस्ट जारी होने के बाद सिटिंग और दावेदार पार्षदों ने खुलकर पार्टी का विरोध करते हुए बगावत है. इसमें रायपुर से कांग्रेस से-

रायपुर नगर निगम

कांग्रेस के सिटिंग पार्षदों आकाश तिवारी, समीर अख़्तर, जितेंद्र अग्रवाल,बंटी होरा ने टिकट काटने के बाद पार्षद पद के लिए नामांकन भर दिया है. बीजेपी के शुभम यादव, संतोष साहू और तुषार चोपड़ा ने बाग़ी होकर निर्दलीय लड़ने का फैसला किया है.

दुर्ग नगर निगम में भाजपा के पूर्व पार्षद गोपू पटेल, मोती साहू, दिलीप साहू और महेंद्र सागर वंशी ने बगावत कर निर्दलीय पार्षद का नामांकन भरा है. कांग्रेस की प्रीति सुजाता साहू ने पार्षद पद के लिए निर्दलीय नामांकन भरा है. वहीं गरियाबंद में गीता जगत, पूनराम यादव, पुरोषी सोनी(बाबा), रितिक सिन्हा(सिटिंग पार्षद) ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर बगावत कर दी है.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने की भविष्यवाणी

इस बग़ावत पर नेताओं की राजनीति भी जारी है. कही भविष्यवाणी हो रही है तो कही रूठो को मनाने की तैयारी. निकाय चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस और बीजेपी की भविष्यवाणी लोगों को बताई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में ऊपरी स्तर से निचले स्तर तक पैसे से ही काम चलता है जो आज असंतोष का कारण है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यही असंतुष्टि कांग्रेस को डुबायेगी और उनकी असंतुष्टि ही बीजेपी का कमल फूल खिलाएगी.

रूठो को मनायेंगे पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव

पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इस नाराज़गी और बगावत को प्रक्रिया का हिसा बता दिया है जिन्हें बाद में समझा बुझा कर माना लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सीटें सीमित होती है, हर किसी को खुश नहीं किया जा सकता. कही कही नाराजगी है, उन्हें माना लिया जाएगा.

लेकिन अब देखने वाली बात ये होगी कि निकाय चुनाव में बगावत की स्वर पार्टियों को किस धुन पर नचाने वाली है.

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