नई दिल्ली : भारत 4 मई से गोवा में दो दिवसीय सम्मेलन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की मेजबानी करेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में चीनी विदेश मंत्री किन गैंग, रूस के सर्गेई लावरोव और पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो-जरदारी शामिल होंगे।
मैं गोवा, भारत यात्रा के लिए जा रहा हूं। इस बैठक में भाग लेने का निर्णय शंघाई सहयोग संगठन के चार्टर के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मैं एससीओ (SCO) सीएफएम में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूंगा। मेरी यात्रा के दौरान मैत्रीपूर्ण देशों के समकक्षों के साथ एक सकारात्मक वार्ता मेरे एजेंडे में है, जो विशेष रूप से एससीओ पर केंद्रित है।
भुट्टो जरदारी 2011 के बाद से भारत का दौरा करने वाले पहले विदेश मंत्री होंगे। भुट्टो जो, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) में पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
भारतीय नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने दिया भुट्टो को अनुमति
विदेश कार्यालय (एफओ) ने कहा है कि एससीओ-सीएफएम में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री को निमंत्रण भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एससीओ के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में दिया था। दुनिया टीवी ने बताया कि पाकिस्तान के अनुरोध पर, भुट्टो जरदारी को भारतीय नागरिक उड्डयन प्राधिकरण द्वारा भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की विशेष अनुमति दी गई थी।
साल 2001 में एससीओ की हुई स्थापना
बता दें कि साल 2001 में एससीओ की स्थापना हुई थी। एससीओ में चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत इस वर्ष के लिए समूह की अध्यक्षता कर रहा है। भारत और पाकिस्तान 2017 में चीन में स्थित एससीओ के स्थायी सदस्य बने थे। समझा जाता है कि इस बैठक में आतंकवाद की चुनौतियों के अलावा यूक्रेन युद्ध के प्रभावों पर भी चर्चा हो सकती है।