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Big statement of Shankaracharya: “महात्मा गांधी राष्ट्रपिता नहीं”: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान

Big statement of Shankaracharya: रायपुर। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने एक बार फिर महात्मा गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया है। रायपुर प्रवास पर पहुंचे शंकराचार्य ने कहा कि गांधी राष्ट्रपिता नहीं हैं। हिन्दुस्तान में राष्ट्रपिता नाम की कोई चीज नहीं है। मोहन दास करमचंद गांधी राष्ट्रपिता इसलिए नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने किसी राष्ट्र को जन्म नहीं दिया और ऐसा कोई व्यक्ति कर भी नहीं सकता। धर्म शास्त्रों में गाय को माता का स्थान दिया गया है, इसलिए उनकी रक्षा व उन्हें राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए एक देश एक कानून की मांग यात्रा के माध्यम से कर रहे हैं। मीडिया से रूबरू हुए शंकराचार्य ने कहा, छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल और माता कौशल्या की जन्म स्थली है। यहां कौशल्या गाय आज भी विराजमान है। कौशल्या नाम की गाय की रक्षा और सेवा प्राथमिकता में होनी चाहिए।

“कौशल्या माता को राज्य माता का सम्मान की मांग”:

Big statement of Shankaracharya: इसके लिए प्रदेश की सरकार को प्रयास करना चाहिए। सरकार से भी कौशल्या गाय को राज्य माता घोषित करने के लिए बात करूंगा। केन्द्र और राज्य सरकारों से गोमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए ही आंदोलन किया जा रहा है। यहां की सरकार से एक बार फिर कौशल्या माता को राज्य माता का सम्मान दिलाने की मांग करता हूं। देशभर में गो प्रतिष्ठा आंदोलन के साथ गो-ध्वज स्थापना को लेकर यात्रा करते हुए गोमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने और गो हत्या रोकने के लिए एक देश एक कानून की मांग जारी है। यात्रा को लेकर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं। इस तारतम्य में पं. दीनदयाल ऑडिटोरियम में आयोजित गो संसद से पहले सोमवार को पत्रकारों से मुखातिब हुए।

“आजादी के 75 साल बाद भी गोमाता को सम्मान नहीं मिला”:

Big statement of Shankaracharya: वालों को उनके विचारों का सम्मान करना चाहिए। उनके द्वारा जब सबके लिए एक समान कानून की बात की गई, तो उसका पालन क्यों नहीं होता। गोमाता को आजादी के करीब 75 साल बाद भी सम्मान नहीं मिला। शंकराचार्य ने आगे कहा कि देश को जब हिन्दू राष्ट्र बनाया जा रहा था, तब उन्होंने जो बातें कही, उसका सम्मान नहीं किया गया। इसका दंश देश को भुगतना पड़ रहा है। गोमाता को राष्ट्रमाता और हिन्दू राष्ट्र बनाने के मामले में सभी शंकराचार्य एकमत हैं। इसको लेकर कभी कोई मतभेद नहीं रहा है। सभी की सहमति से ही आंदोलन किया जा रहा है।

“चुनावी घोषणापत्र में स्थान देने पर करें वोट”:

Big statement of Shankaracharya: शंकराचार्य ने आगे कहा कि हम गो हत्या रोकने के लिए आंदोलन करते हुए राज्यसभा और लोकसभा में एक देश एक कानून लागू करने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 के चुनाव से पहले गोमाता की दशा व दिशा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की थी। इससे उम्मीद जगी कि वे गो हत्या रोकने के लिए कानून लागू करते हुए राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाएंगे, मगर इस दिशा में भी कोई ठोस पहल नहीं हुई है। अब यात्रा के दौरान जनता को आगाह कर रहे हैं कि चुनावी घोषणापत्र में जो पार्टी गोमाता की रक्षा और राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने की बात करेगा, उसी पर देश की जनता को भरोसा करना चाहिए।

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