उज्जैन। महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir) में दर्शन (Darshan) के नाम पर ठगी (Fraud) करने वाले मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस भ्रष्टाचार में मंदिर की व्यवस्था में लगे प्रभारी की भूमिका भी सामने आई है। इस घोटाले के दोनों आरोपी राकेश श्रीवास्तव और विनोद चौकसे की रिमांड खत्म होने पर इसका पर्दाफाश हुआ है।
मंदिर प्रशासक हटाए गए
इस खुलासे के बाद भस्मारती प्रभारी रितेश शर्मा, आईटी सेल प्रभारी राजकुमार, प्रोटोकाल में लगे राजेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रोटोकॉल प्रभारी अभिषेक भार्गव और निजी सुरक्षा कंपनी क्रिस्टल के दो गार्ड सहित 6 पर प्रकरण दर्ज कर हिरासत में लिया गया है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। वहीं, मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ को हटा दिया गया है।
यह है पूरा मामला
दरअसल, भगवान महाकालेश्वर मंदिर में हर साल करीब 100 करोड़ रुपए की आय अर्जित होती है, जिसमें दान, लड्डू प्रसाद, शीघ्र दर्शन और अभिषेक की राशि शामिल है। पिछले कुछ महीनों से मंदिर की आमदनी में गिरावट दर्ज हो रही थी। जिसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू की। इस दौरान खुलासा हुआ था कि मंदिर के दो कर्मचारी विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव श्रद्धालुओं से अवैध रूप से पैसा वसूल रहे थे। इनके बैंक खातों में लाखों रुपए का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भी मिला था। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जहां से न्यायालय ने दोनों को पुलिस रिमांड में भेज दिया था।