रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी आज ईडी कार्यालय में पूछताछ के बाद की गई। अब ईडी जल्द ही कोर्ट में पेश करेगी।
ईडी की कार्रवाई
28 दिसंबर को ईडी ने कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में नकद लेनदेन के सबूत मिले थे। इसके बाद 3 जनवरी को पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ा गया था। आज यह तीसरी बार था जब ईडी ने दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया और फिर कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
यह घोटाला 2161 करोड़ रुपये का है, जो राज्य की आबकारी नीति में हेरफेर और भ्रष्टाचार से जुड़ा है।
- शुरुआत: 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL (छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के माध्यम से शराब बिक्री का प्रावधान किया गया।
- 2019 के बाद: अनवर ढेबर ने CSMCL के एमडी अरुणपति त्रिपाठी की नियुक्ति कर सिंडिकेट के माध्यम से भ्रष्टाचार किया।
- घोटाले का तरीका:
- नकली होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई।
- देशी शराब पर 75 रुपये प्रति केस कमीशन लिया गया।
- केवल तीन ग्रुप्स (केडिया, भाटिया, वेलकम) की शराब CSMCL की दुकानों में बेची गई।
- इनका बाजार हिस्सा क्रमशः 52%, 30%, और 18% था।
ED का मामला और चार्जशीट
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई 2022 को आयकर विभाग ने घोटाले से जुड़े आरोपियों के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसके बाद 18 नवंबर 2022 को ईडी ने PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। अब तक ईडी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर 2161 करोड़ के घोटाले का खुलासा किया है।
सियासी हलचल तेज
इस गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। ईडी की कार्रवाई और घोटाले की गहराई को देखते हुए आने वाले दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।