आइएएस बनना चाहती थी भोपाल की आशी, एशियन गेम्स में देश के लिए जीत ली चांदी

भोपाल : कभी आइइएस बनने का सपना संजोने वाली भोपाल शहर की लाड़ली बेटी आशी चौकसे ने चीन के हांगझू में खेले जा रहे 19वें एशिएन गेम्स खेल में देश के लिए चांदी जीत ली है। आशी चौकसे ने रमिता और मेहुली घोष के साथ मिलकर 10 मीटर एयर राइफल महिला टीम स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। इस तिकड़ी ने एयर राइफल टीम इवेंट में 1886 का कुल स्कोर बनाया। यह इन एशियाई खेलों में देश का पहला पदक भी रहा।

15 साल की उम्र में पहली बार थामी थी बंदूक

आशी चौकसे के पिता पदमाकांत चौकसे ने बताया कि आशी बचपन से आइएएस बनना चाहती थी। 15 साल की उम्र में एनसीसी कैंप में गई। उसी दौरान पहली बार बंदूक हाथ में थामी थी। उसने निशानेबाजी प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद हमनें उसे मप्र राज्य शूटिंग अकादमी के समर कैंप में भेज दिया, जहां पर कुछ समय के प्रशिक्षण के बाद ही राष्ट्रीय और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने लगी।

अजरबैजान में जीता था स्वर्ण पदक

बता दें कि आशी 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में इंडिया में नंबर एक रैंक हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने अजरबैजान के बाकू में आयोजित आइएसएसएफ विश्वकप में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर खलबली मचा दी थी।

मप्र के चार निशानेबाज एशियन गेम्स में दिखा रहे प्रतिभा

इस एशियन गेम्स में मप्र राज्य शूटिंग अकादमी के चार निशानेबाज भारतीय निशानेबाजी टीम का हिस्सा हैं। इसमें महिलाओं में राइफल शूटर आशी चौकसे के अलावा शाटगन निशानेबाज प्रीति रजत और मनीषा कीर भी शामिल हैं। जबकि भारतीय पुरुष निशानेबाजी टीम में मप्र शूटिंग अकादमी के होनहार और रियो ओलंपियन ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर भी शामिल हैं, जिनकी स्पर्धा अभी होने वाली है।

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