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परिणाम से पहले राजनितिक दलों के साथ जनता की भी नजर है एक्जिट पोल पर

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रायपुर : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में गुरुवार को तेलंगाना और मिजोरम में मतदान के बाद शाम को एक्जिट पोल आने के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज होगी। सभी पार्टियों की नजर ‘एजिक्ट पोल पर है। सियासी दलों के नेता और जनता भीचु नाव परिणामों काइं तजार कर रही है लेकिन इससे पहले एग्जिट पोल से तस्वीर साफ होगी। परिणाम से पहले एग्जिट पोल में ही संकेत मिल जाएगा कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिल रही हैं और किसकी सरकार बनाने जा रही है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा  के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। मतगणना के दिन दोनों ही पार्टियां परिणाम पर नजर बनाए रखेंगी। जीत का आंकड़ा अगर बहुमत के आसपास पहुंचने पर नजदीकी मामला रहा, तो विधायकों को तोड़ने से बचाने के लिए दोनों पार्टियों ने अपने विधायकों को सुरक्षित रखने की रणनीति तैयार की है। राज्य की 90 सीटों के लिए 3 दिसंबर को मतगणना से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां सरकार बनाने की रणनीति पर काम करने में जुटी हुई हैं।

बहुमत के लिए चाहिए 46 सीट

प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर बहुमत के लिए 46 सीटें जीतनी होंगी। मतदाताओं के रुझान के आधार पर कड़े मुकाबले की चर्चा हो रही है। कांग्रेस-भाजपा जीतने का दावा करती दिख रही हैं। दोनों के दावे कितने सही हैं, परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।

दो चरणों में हुआ था मतदान

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था। मतदान के बाद पिछले दो सप्ताह से परिणामों को लेकर कयास लग रहे हैं। एक्जिट पाले आने के बाद इस पर विराम लगेगा। राजनीतिक दल भी चुनाव सर्वे को लेकर आंकलन कर परिणाम के बारे में अपनी स्थिति का आंकलन कर अपनी रणनीति तैयार करेंगे।

पार्टी के वरिष्ठ नेता रखेंगे परिणाम पर नजर

सूत्रों के अनुसार दोनों ही पार्टियों के हाईकमान के यह साफ निर्देश हैं कि मतगणना के दिन सभी प्रत्याशियों पर कड़ी नजर रखी जाए। उनके पल-पल लेते रहें। हाईकमान नहीं चाहता कि इसमें किसी प्रकार की चूक हो। पार्टी के वरिष्ठ नेता यहां के चुनाव परिणामों पर लगातार नजर रखेंगे। आखिरी चरण में तस्वीर लगभग साफ होने के बाद वहां से छत्तीसगढ़ के प्रभारियों को आदेश मिलने शुरू हो जाएंगे। दोनों पार्टियों ने तय किया है कि परिणाम आने के बाद विधायकों को प्रमाणपत्र लेकर सीधे रायपुर पहुंचना होगा। यहां पहुंवने के बाद आगे की रणनीति बनेगी।

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