हिंदू नव वर्ष व विक्रम संवत 2081 (कालयुक्त संवत्सर) के साथ ही नौ अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी। इससे पूर्व अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में आकाशीय मंडल के प्रमुख ग्रह अपना घर (राशि परिवर्तन) बदलेंगे।
पंडित विनोद गौतम ने बताया कि ग्रहों की चाल में भी बदलाव होगा। अप्रैल में बुध ग्रह राशि परिवर्तन के साथ ही वक्रीय भ्रमण करेगा। सूर्य, शुक्र और मंगल ग्रह भी राशि परिवर्तन करेंगे। खगोलीय मंडल में होने वाले इस बदलाव का कुछ राशियों के जातकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अलग-अलग ग्रहों की युति होने से तेज गर्मी के साथ ही कुछ जगहों पर बूंदाबांदी के आसार भी बने रहेंगे।
खरमास खत्म हो जाएगा
पंडित विष्णु राजौरिया ने बताया कि सूर्यदेव 13 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मीन राशि से मेष राशि में गोचर के कारण खरमास खत्म हो जाएगा। फिर से मांगलिक कार्य शुरू होंगे। करीब 12 वर्ष बाद सूर्य-गुरु की युति बनेगी। सूर्य का 14 मई को वृषभ राशि में प्रवेश होगा।
मेष राशि में वक्री चाल चलेगा बुध
पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि बुद्धि, विवेक और वाणी का कारक ग्रह बुध दो अप्रैल से मेष राशि में वक्री (उल्टी) चाल चलेगा। इस बदलाव से मेष, वृषभ सिंह, धनु, मकर और कुंभ राशि वालों को धन लाभ के आसार हैं। साथ ही विशेष फलदायी परिणाम मिलेंगे। चार अप्रैल को बुध मेष राशि में अस्त हो जाएगा।