गन्नारस की तरह बिकेगी बीयर : गिलास में सर्व, बनाने-बेचने के लिए 25 लाख में मिलेगा लायसेंस

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब वो दिन दूर नहीं, जब बीयर गन्ना रस की तरह बिकेगी। कोई भी चाहे तो लायसेंस लेकर यह क्रॉफ्ट बीयर बनाने की शुरुआत कर सकता है, लेकिन इस काम के लिए 25 लाख रुपए शुल्क देकर लायसेंस लेना होगा।राज्य सरकार ने इस काम के लिए छत्तीसगढ़ सूक्ष्म यवासवनी नियम (माईक्रोब्रेवरी) 2025 बनाया है। आबकारी विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि इस तरह की बीयर अब तक महानररों में मिलती रही है। अब यह छत्तीसगढ़ के शौकीनों के लिए भी उपलब्ध होगी। खास बात ये है कि इस तरह के बीयर कारोबार से राज्य सरकार के आबकारी राजस्व में भी वृद्धि होगी।
25 लाख रुपए में मिलेगा लायसेंस
इस बीयर का संयत्र स्थापित करने के लिए 25 लाख रुपए लायसेंस फीस अदा करनी होगी। लायसेंस हासिल करने के पहले यह राशि अदा करनी होगी। सूक्ष्म यवासवनी में निर्मित क्रॉफ्ट बीयर का अनुज्ञप्त परिसर से संलग्न रेस्टोरेंट में ही ग्राहकों के उपभोग के लिए केवल लूज में विक्रय किया जाना अनिवार्य होगा, परंतु अनुज्ञप्तिधारी द्वारा किसी भी स्थिति में निर्मित क्रॉफ्ट बीयर को बॉटल, केन, पाउच या बैग में पैंकिंग कर विक्रय नहीं किया जाएगा। सूक्ष्म यवासवनी एवं उससे संलपग्र रेस्टोरेंट के अनुज्ञप्त परिसर का सम्मिलित रूप से क्षेत्रफल न्यूनतम 6000 वर्गफीट (कार्पेट एरिया) होना जरूरी है।
क्या है क्रॉफ्ट बीयर
बीयर क्रॉफ्ट का मतलब ये है कि सूक्ष्म यवासवनी या उसके लायसेंस क्षेत्र में संलग्न रेस्टारेंट में निर्मित उस बीयर से है, जिसे उपयुक्त खाद्य सामाग्री के साथ सुगंधित, लेकिन चीनी या सिंथेटिक स्वादों को शामिल किए बिना पास्वुरीकृत किया जा सकता है, या नहीं भी किया जा सकता, इससे क्रॉफ्ट बीयर बनाई जाती है। इसमें अल्कोहल की स्ट्रेंथ 44 प्रूफ प्रिट या 8 प्रतिशत वीवी से अधिक नहीं होती है। खास बात ये है कि इस बीयर में कई तरह के फ्लेवर होते हैं। पीने में स्वादिष्ट और हेल्दी पेय भी माना जाता है। यह बीयर पैक करके या बोतलों में भरकर नहीं बेची जा सकेगी। इस बीयर को गिलास में सर्व कर पिलाना होगा, जैसे गन्ना रस बेचा जाता है। यह बीयर तैयार करने वाले संयत्र को माइक्रो ब्रेवरी कहा जाता है, इसकी निर्माण क्षमता 1000 लीटर तय की गई है।
एक माइक्रोब्रेवरी में साल में 3 लाख 65 हजार बल्क लीटर बनेगी बीयर
सूक्ष्म यवासवक को वर्ष में अधिकतम 3 लाख 65 हजार बल्क लीटर क्रॉफ्ट बीयर के निर्माण की अनुमति होगी। इस हेतु राज्य शासन द्वारा बीयर (विदेशी मदिरा माल्ट) पर निर्धारित न्यूनतम ड्यूटी दर (सेना तथा अर्द्धसैनिक बलों/ उनकी संस्थाओं/क्लबों के लिए निर्धारित न्यूनतम ड्यूटी राशि को छोड़कर) को आधार मानते हुए एक माह में क्रॉफ्ट बीयर के अनुज्ञपत उत्पादन को ‘दृष्टिगत रखते हुए समतुल्य ड्यूटी राशि परिगणित कर, मासिक आधार पर अग्रिम रूप में प्रतिमास के प्रांरभ होने के पूर्व ही जमा किया जाना अनिवार्य होगा, जिसका दैनिक लेखा-जोखा सूक्ष्म यवासवक को रखना होगा।