बिलासपुर। दयालबंद में भू-माफिया से मिलीभगत कर मां-बेटे का अपहरण कर 14 लाख रुपये का फर्जी कर्ज लेने के आरोपी बैंक मैनेजर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद आरोपी बैंक मैनेजर महाराष्ट्र के मुंबई में रह रहा था। पुलिस ने बीच-बचाव कर उसे हिरासत में ले लिया। मामला कोटा थाना क्षेत्र का है। अजय सिंह, निवासी गुलमोहर पार्क कॉलोनी उसलापुर पिता स्व. रामचंदर सिंह (45) रेलवे के ठेकेदार हैं। 2016 में वह घर बनाने के लिए जमीन का एक प्लॉट खरीदना चाहता था। इसी बीच शुभम विहार निवासी कौशल सिंह ने उसे गीतांजलि कस्बे के पास जमीन दिखाई। जमीन पसंद आ गई थी लेकिन पैसो की कमी थी। इस पर कौशल ने उनसे कहा कि वह उन्हें कोटा सेंट्रल बैंक से लोन दिलवा देगा।
केंद्रीय बैंक के प्रबंधक मनीष तिवारी
इसके लिए उन्हें कोटा भी ले गया। कौशल ने अजय को केंद्रीय बैंक के प्रबंधक मनीष तिवारी से मिलवाया। बैंक मैनेजर ने 22 लाख रुपए का कर्ज मिलने की बात कही तो दस्तावेज लिए और कुछ कागजों पर दस्तखत करवा लिए। कुछ दिन बाद जिस जमीन का सौदा अजय सिंह ने किया था वह विवादित पाई गई। इसलिए उसने जमीन लेने से मना कर दिया। मामला सामने आने पर रेलवे ठेकेदार ने पुलिस में शिकायत की, जिसके लिए 17 नवंबर को कोटा थाने में आपराधिक शिकायत दर्ज करायी गयी. इसके बाद पुलिस ने जांच के नाम पर आरोपीयो को गिरफ्तार नहीं कर रही थी।
बताया जाता है कि पुलिस ने अग्रिम जमानत का पूरा मौका दिया। इसलिए गिरफ्तारी में देरी हुई। इस बीच पुलिस ने करीब दो महीने पहले नरेंद्र मोटवानी समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जबकि बैंक मैनेजर मनीष तिवारी फरार हो गया। बैंक मैनेजर मनीष तिवारी को पुलिस ने बोरीवली, मुंबई, महाराष्ट्र में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसे बिलासपुर लाकर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।