जेल से छुट्टी लेकर फिल्म की शूटिंग करते थे बलराज साहनी, बालीवुड में ऐसे जमाया अभिनय का सिक्का

मुंबई : बलराज साहनी बॉलीवुड के जाने माने कलाकार हुआ करते थे। उनका जन्म एक मई 1913 को रावलपिंडी पंजाब में हुआ था। बलराज साहनी का असली नाम युधिष्ठिर साहनी था। उन्होंने अपनी पढ़ाई गवर्नमेंट कॉलेज (लाहौर) और गोर्डन कॉलेज से की थी।  इंग्लिश लिटरेचर में अपनी मास्टर्स पूरी करने के बाद वह रावलपिंडी वापस आ गए थे और अपने परिवार का बिजनेस ज्वाइन कर लिया था। बलराज के पास हिंदी में बैचलर्स की भी डिग्री है। उन्होंने दमयंती साहनी से शादी की थी। महज 26 साल की उम्र में साल 1947 में उनकी पत्नी का निधन हो गया था, जिसके बाद उन्होंने 1951 में दूसरी शादी संतोष चंदधोक से की थी।

फिल्म दो बीघा जमीन से मिली थी पहचान

साहनी को शुरू से ही अभिनय का काफी शौक था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत इंडियन पीपुल्स थियेटर एसोसिएट से की थी। उन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत 1946 में आई फिल्म इंसाफ से की थी। इस फिल्म के बाद भी उन्होंने कई फिल्मों में काम किया था। हालांकि साल 1953 में बिमल जॉय की फिल्म दो बीघा जमीन से साहनी को अच्छी पहचान हासिल हुई थी। इस फिल्म के लिए एक्टर को कान्स फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल प्राइज से नवाजा गया था। साहनी की पत्नी दमयंती भी एक एक्ट्रेस थीं। साल 1947 में आई फिल्म गुड़िया में लीड रोल में थी और इसी साल उनकी मौत भी हो गई थी। हालांकि 1951 में एक्टर ने अपनी कजिन संतोषी से शादी की थी, जो कि एक ऑथर और टेलीविजन राइटर थीं।

जेल से छुट्टी लेकर करते थे फिल्म की शूटिंग

आपको बता दें कि बलराज साहनी एक क्रांतिकारी हुआ करते थे। 1946 के दौरान ‘इंडियन प्रोग्रेसिव थियेटर एसोसिएशन से जुड़े थे। इंडियन प्रोग्रेसिव थियेटर एसोसिएशन से जुड़े होने के कारण उनके विचार काफी क्रांतिकारी और कम्युनिस्ट थे, जिसके चलते वह जेल भी गए थे। उस दौरान वह फिल्म हलचल की शूटिंग कर रहे थे। हालांकि बलराज के जेल में होने पर फिल्म के मेकर्स के अनुरोध पर उन्हें शूटिंग के लिए जेल से कुछ देर के लिए छुट्टी मिलती थी और उस दौरान वह शूट करके वापस जेल लौट जाया करते थे।

कई फिल्मों में किया काम

बलराज साहनी ने कई जानी मानी अभिनेत्रियों के साथ काम किया है, जिसमें पद्मिनी, नूतन, मीना कुमारी, वैजयंती माला और नरगिस जैसी एक्ट्रेस शामिल हैं। साहनी ने बिंदिया, सीमा, सोने की चिड़िया, सुट्टा बाजारा, घर संसार, भाभी की चूड़ियां, लाजवंती जैसी फिल्मों में काम किया है।उन्होंने पंजाबी फिल्म नानक दुखिया सब संसार फिल्म में भी काम किया है।

13 अप्रैल 1973 को हुआ था निधन

साहनी लेखन में बहुत अच्छे थे। वह साल 1960 में पाकिस्तान गए थे और उन्होंने मेरा पाकिस्तानी सफरनामा पर किताब लिखी थी। 1969 में सोवियत यूनियन के टूर के बाद उन्होंने मेरा रूसी सफरनामा पर किताब लिखी थी,जिसके लिए उन्हें सोवियत लेंड नेहरू अवॉर्ड से नवाजा गया था। उन्होंने कई कविताएं, कहानियां भी मैगजीन के लिए लिखी हैं। उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी भी लिखी है-मेरी फिल्मी आत्मकथा। आपको बता दें कि आज उनकी पुण्यतिथि है। साल 1973 में अपने 60वें जन्मदिन से कुछ दिन पहले 13 अप्रैल को साहनी का कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया था।

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