बालाजी अस्पताल का कारनामा : लकवाग्रस्त मरीज अस्पताल से गायब, 21 दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं

रायपुर: राजधानी रायपुर के मोवा स्थित बालाजी मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहाँ एक लकवा ग्रस्त मरीज पिछले 21 दिनों से बालाजी हॉस्पिटल से लापता है जो बिलासपुर के कोटा क्षेत्र से इलाज कराने बालाजी हॉस्पिटल के पी.आर.ओ.एजेंट पुरन ठाकुर तथा संजय सोनवानी द्वारा रायपुर मोवा बालाजी मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल पहुंचा था।

पीड़ित परिवार ने बताया कि उनके 2 भाइयों को यहाँ ईलाज कराने बालाजी में एडमिट किया गया था।जिसमे एक को लकवा ग्रस्त की तथा दूसरे को चर्म रोग की परेशानी थी। इलाज के दौरान इनके परिजनों द्वारा नामित आयुष्मान कार्ड को हॉस्पिटल में जमा कर दिया गया परिजनों के बताए अनुसार हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा आयुष्मान कार्ड से इलाज के दौरान परिजनों को उक्त आयुष्मान कार्ड में कितना रकम जमा है जिसकी जानकारी भी नही दी गई तथा 1 से 2 दिन एडमिट रखकर उनके कार्ड से सारा रकम निकाल लिया जाता है। उसके बाद हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा मरीज को हॉस्पिटल से बाहर निकाल दिया गया इस प्रकार का आरोप बालाजी मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल पर लगाया गया है।

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अस्पताल प्रबंधन का तर्क : इस नाम का कोई मरीज यहां एडमिट नही

बता दें कि 25 मई 2023 से मरीज रामभरसो अस्पताल के चौथे माले में एडमिट रहते हुए गायब हो जाते हैं जिस पर परिजन अस्पताल प्रबंधन से जानकारी पूछने पर अस्पताल प्रबंधन साफ तौर से यह इनकार करते हैं कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति यहां एडमिट नहीं हुआ है ऐसी जानकारी परिजनों को दी जाती है।

पीड़ित परिवार के पास भर्ती के साक्ष्य मौजूद

परंतु परिजनों के पास मरीज को भर्ती करवाने का साक्ष्य मौजूद है ,उक्त मामले को लेकर परिजनों ने समीप के मोवा थाने में मामला दर्ज कराया और मामले को लगभग 21 दिन बीत चुके हैं परंतु अब तक रामभरसो जो शारीरिक रूप से लकवा ग्रस्त है जिसका पता नहीं लग पाया है,और ना ही पुलिस प्रशासन अब तक खोजबीन कर पाई है।
अस्पताल से मरीज के भागने का दिया तर्क

बालाजी हॉस्पिटल प्रबंधन जवाबदारी से साफ इंकार कर रही है उनका कहना है कि मरीज कब निकल भागा है इसका हमें पता नहीं है। आप सोच सकते हैं की एक मरीज का अस्पताल में भर्ती होना और अचानक अस्पताल परिसर से गुम होना और अस्पताल प्रबंधन का कहना कि इसमें हमारी कोई जवाबदारी नहीं है यह अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और झूठ को साफ साफ दर्शाता है कि एक लकवा ग्रस्त मरीज हॉस्पिटल से जो चौथे मंजिल में एडमिट हो वह कैसे और क्यों अचानक कहां जायेगा जो चलने फिरने में भी असमर्थ है।

अस्पताल के एजेंट ग्रामीण क्षेत्रो के मरीजो को है फसाते

परिजनों का यह भी कहना है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा किसी प्रकार की साजिश की गई हो। सर्व आदिवासी समाज युवा प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष दीनू नेताम इनकी मदद करने सामने आए और कहा कि एजेंटों द्वारा हमारे भोले भाले ग्रामीणों को बहला फुसलाकर लाया जाता है और हॉस्पिटल में छोड़ दिया जाता है और आयुष्मान कार्ड से रकम निकाल लिया जाता है। दीनू नेताम ने पीड़ित परिवारों के लिए मदद की भी अपील की है।

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