रियाद/अयोध्या: अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य मंदिर में भगवान राम की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हो गया है। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी समेत देशभर से आए हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। भगवान राम की सोने से सजी मूर्ति को जनता के दर्शन के लिए खोल दिया गया है। राम मंदिर का निर्माण कार्य अभी चल रहा है और इसके दिसंबर 2025 तक पूरा होने का अनुमान है।
यह राम मंदिर 70 एकड़ के इलाके में बनाया जा रहा है जिसमें 18 करोड़ डॉलर या 15 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है। राम मंदिर को बनाने के लिए जनता से 30 अरब रुपये या 4.2 अरब डॉलर का चंदा मिला है। एसबीआई के एक अनुमान के मुताबिक राम मंदिर से उत्तर प्रदेश सरकार को 25 हजार करोड़ या करीब 3 अरब डॉलर की कमाई हो सकती है। हिंदुओं के लिए अयोध्या का वही महत्व है जो मुस्लिमों के लिए मक्का का है। अगर मक्का की कमाई की बात करें तो यहां अभी हज और उमरा से करीब 12 अरब डॉलर की कमाई हर साल होती है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2025 के वित्त वर्ष में मंदिर के पूरा हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को 20 हजार करोड़ से लेकर 25 हजार करोड़ तक की कमाई हो सकती है। राम मंदिर को देखने के लिए दुनियाभर से भक्तों की बाड़ आ सकती है और इससे कमाई का यह आंकड़ा और बढ़ भी सकता है। यही नहीं साल 2024 में साल 2022 की तुलना में पर्यटकों का खर्च दोगुना होकर 4 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022 में रेकॉर्ड 2.21 करोड़ पर्यटक अयोध्या आए थे।
अयोध्या में करोड़ों की चल रही विकास परियोजना
रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में भारत अन्य देशों के साथ सहयोग करके एक टूरिस्ट मैप बना सकता है। इस बंपर कमाई से यूपी का अपना जीडीपी 24 लाख करोड़ को पार कर सकता है। यूपी नार्वे को भी पीछे छोड़ सकता है। केंद्र और यूपी सरकार ने अयोध्या के कायाकल्प के लिए अरबों डॉलर की परियोजना शुरू कराई है। इसमें अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन और चौतरफा जोड़ने वाले हाइवे शामिल हैं। अयोध्या में कई बड़े होटल भी खुलने की प्रक्रिया में हैं। अयोध्या को एक तरह से भारत की ‘धार्मिक राजधानी’ बनाने का प्लान है।
सऊदी अरब का मक्का शहर दुनियाभर के लिए बेहद पवित्र है। हर साल लाखों की तादाद में मुस्लिम दुनियाभर से हज और उमरा करने के लिए मक्का पहुंचते हैं। इससे सऊदी अरब की सरकार को अरबों डॉलर की कमाई होती है। यही वजह है कि सऊदी सरकार 26 अरब डॉलर का आधारभूत ढांचा प्रॉजेक्ट बनवा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा तादाद में मुस्लिम आ सकें। सऊदी अरब सरकार 26 अरब डॉलर के भारी भरकम प्रॉजेक्ट के तहत होटल, आवास, रिटेलर स्टोर और रेस्टोरेंट बनवा रही है। सऊदी अरब की योजना है कि साल 2030 तक 3 करोड़ मुस्लिम मतावलंबी पहुंचें।
सऊदी अरब को हज से कितनी होती है कमाई
इससे सऊदी अरब को उम्मीद है कि 80 अरब डॉलर की आमदनी होगी जो उसकी कुल जीडीपी का 10 प्रतिशत होगा। इससे सऊदी अरब तेल से होने वाली कमाई पर अपनी निर्भरता को घटा सकेगा। सऊदी अरब में ही मदीना भी है जो इस्लाम में दूसरा सबसे पवित्र शहर है। मान्यता है कि दुनिया के हर मुसलमान को जीवन में कम से कम एक बार हज करना चाहिए। साल 2019 में कोरोना से पहले 2 करोड़ लोग हज और उमरा करने के लिए पहुंचे थे। सऊदी अरब की वर्तमान जीडीपी में टूरिज्म का योगदान 4.45 प्रतिशत है। अनुमान के मुताबिक सऊदी अरब को इससे अभी 12 अरब डॉलर की कमाई होती है। इसी आमदनी को बढ़ाने की कोशिश सऊदी अरब कर रहा है।