रायपुर : छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हो चुकी है। भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में 21 क्विंटल धान खरीदी की घोषणा की है। किसानों को इसका इंतजार है कि सहकारी समितियों में 21 क्विटंल का आदेश कब से लागू होगा। धान खरीदी की लिमिट व भुगतान पर अधिकारियों का कहना है कि सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश में चार लाख से अधिक किसान सहकारी समितियों में धान बेच चुके हैं। इन्हें 2,650 रुपये के हिसाब से 4,700 करोड़ से ज्यादा का भुगतान हो चुका है।
अब ऐसे किसानों को क्या दोबारा धान बेचने की अनुमति मिल पाएगी। उन्हें 3,100 रुपये की राशि कैसे मिलेगी, इस पर संशय बना है। कांग्रेस की हार के बाद पिछली सरकार की विभिन्न योजनाओं के भविष्य में संचालन पर तलवार लटक रही है, जिसमें राजीव युवा मितान क्लब से लेकर गोठानों में गोबर खरीदी, बिजली बिल हाफ योजना व स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना, बेरोजगारी भत्ता आदि शामिल हैं।
कांग्रेस की इन योजनाओं पर बड़ा सवाल
बिजली बिल हाफ योजना : 4,300 करोड़ रुपये की छूट दिए अब आगे क्या ?
बिजली बिल हाफ योजना का लाभ प्रदेश के 48 लाख उपभोक्ताओं को मिल चुका है। साथ ही उपभोक्ताओं को 4,300 करोड़ रुपये की छूट भी मिल चुकी है। नियमों के मुताबिक उपभोक्ताओं को 400 यूनिट बिजली बिल की खपत पर बिजली बिल हाफ योजना का लाभ मिलता है। राज्य सरकार द्वारा छूट की राशि डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को ट्रांसफर की जाती है। अधिकारियों के मुताबिक नवंबर महीने के बिल में उपभोक्ताओं को दिसंबर महीने में छूट मिलेगी लेकिन जनवरी में क्या स्थिति होगी, यह नई सरकार के निर्णय के बाद लिया जाएगा।
गोबर खरीदी : 600 करोड़ से अधिक का भुगतान
गोधन न्याय योजना हितग्राहियों को अब तक 600 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। गोठानों में गोबर खरीदी योजना के अंतर्गत हितग्राहियों से दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीदी की जा रही है। भाजपा ने गोठानों के साथ गोबार खरीदी में 1,300 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। भाजपा ने इसे बिहार के चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला बताया।
बेरोजगारी भत्ता : 1.17 लाख बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता
कांग्रेस सरकार ने चुनावी साल में बेरोजगारी भत्ता की घोषणा की थी। 12वीं पास 1.17 लाख बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराया। इन्हें 2,500 रुपये के मान से बैंक खाते में बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। भाजपा सरकार आने के बाद इस योजना पर भी ग्रहण लगने की आशंका है। यह योजना अप्रैल 2023 से लागू की गई है।
स्वामी आत्मानंद स्कूल : 1.71 लाख छात्र अध्ययनरत
सरकारी हिंदी माध्यम स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बदलकर यहां शिक्षा का स्तर बेहतर करने का प्रयास किया गया। छत्तीसगढ़ में कुल 171 आत्मानंद स्कूल खोले गए हैं, जिसमें 1.72 लाख छात्र अध्ययनरत हैं। अंग्रेजी माध्यमों के साथ 32 हिंदी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल भी संचालित हैं। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक इस सरकारी योजना का नाम बदला जा सकता है। छात्रों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी।
राजीव युवा मितान क्लब : 13 हजार से अधिक राजीव युवा मितान क्लब
प्रदेश में राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों को प्रति वर्ष एक लाख रुपये के मान से राशि प्रदान की जा रही है। इस संस्था का कार्य गांवों में कला व सांस्कृतिक के बढ़ावे के साथ सांस्कृतिक व खेलकूद की गतिविधियों को आगे बढ़ाना था। राजीव युवा मितान क्लब के गठन की घोषणा- वर्ष 2020 में की गई थी। भाजपा सरकार आते ही यह योजना बंद होने की आशंका जताई जा रही है। राजीव गांधी के नाम को केंद्र में रखते हुए कांग्रेस सरकार ने युवाओं को जोड़ने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी।
रीपा : योजना का अस्तित्व खतरे में
महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) का अस्तित्व भी खतरे में नजर आ रहा है। प्रदेश के गोठानों में रीपा योजना के तहत गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना लागू की गई थी। भाजपा के आने के बाद इस योजना पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
कई बंद होंगे, कई योजनाओं का नाम बदलना तय
भाजपा सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस सरकार की कई सरकारी योजनाओं का नाम बदलना तय है। इसके अलावा राज्य सरकार के गठन के बाद विभिन्न विभागीय मंत्रियों से योजना के संबंध में एक रिपोर्ट भी ली जाएगी। शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी योजनाएं बंद नहीं होगी, बल्कि नाम बदल दिया जाएगा।