हांगझोऊ : भारत अब की बार, सौ पार (इस बार 100 पदक पार करना) की कैचलाइन के साथ हांगझोऊ एशियाई खेलों में उतरेगा जिसका आधिकारिक आगाज आज से होगा। इस बार भारतीय प्रशंसकों की 100 के पार पदक जीतने की उम्मीदें लगी हैं क्योंकि जकार्ता और पालेमबांग में पिछले चरण में देश ने 70 पदक जीते थे।
हांगझोऊ खेल में भारत अपना सबसे बड़ा दल भी भेज रहा है जिसमें 39 स्पर्धाओं में 655 खिलाड़ी शिरकत करेंगे। भारत 1986 सियोल चरण के बाद से पदक तालिका में शीर्ष पांच में नहीं रह पाया है और वह इसमें पहुंचने की कोशिश में लगा है। हालांकि 100 पदक भले ही संभव नहीं हो, लेकिन भारत पिछले चरण के पदकों से आगे बढ़ना चाहेगा जिसमें एक बार फिर एथलेटिक्स से सबसे ज्यादा योगदान की उम्मीद है। पिछली बार ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ियों ने 20 पदक जीते थे और इस बार उनके 25 पोडियम स्थान हासिल करने की उम्मीद है।
पहली बार पांच ओलंपिक पदक विजेता
एशियाई खेलों में पहली बार ऐसा हो रहा है कि ओलंपिक के पांच पदक विजेता भारतीय दल में शामिल हैं जिसकी अगुवाई ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा कर रहे हैं। उनके अलावा ओलंपिक पदक विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, पहलवान बजरंग पूनिया और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन हैं।
स्वर्ण पदकों में हो सकता है नुकसान
भारत ने 2018 एशियाड में 16 स्वर्ण पदक जीते थे जो उसका इन खेलों में अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन था। लेकिन इस बार स्वर्ण की संख्या कम हो सकती है। बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू लय में नहीं हैं, जबकि भारोत्तोलक मीराबाई चानू अपनी फिटनेस से परेशान रही हैं। वहीं, पहलवान बजरंग पूनिया पहलवानों के विरोध में हिस्सा लेने के कारण कुछ महीने पहले ही ट्रेनिग शुरु की है। स्वर्ण की सबसे ज्यादा उम्मीदें नीरज और मुक्केबाज लवलीना से ही है।
ये टीमें करेंगी स्वर्ण पदक में इजाफा
महिला क्रिकेट टीम : भारतीय महिला टीम पहली बार इन खेलों में शिरकत कर रही है और सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है। टीम से स्वर्ण पदक की आस है। वहीं, ऋतुराज गायकवाड़ की कप्तानी वाली पुरुष क्रिकेट टीम भी पीला तमगा पाने का दमखम रखती है।
पुरुष-महिला हॉकी टीमें: मौजूदा फॉर्म को देखते हुए भारतीय पुरुष और महिला दोनों हॉकी टीमों का स्वर्ण जीतना माना जा रहा है।
कबड्डी टीमें : पुरुष और महिला कबड्डी टीम से भी स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदें हैं। पिछली बार पुरुष टीम ने कांस्य और महिला टीम ने रजत पदक जीता था।
निशानेबाजी: निशानेबाजों ने 2018 में दो स्वर्ण सहित नौ पदक जीते थे, लेकिन इस बार वे शायद इस संख्या को पार नहीं कर पाएं।
मुक्केबाजी: निकहत जरीन और बोरगोहेन स्वर्ण पदक जीतने की प्रबल दावेदार हैं।
कुश्ती : अंतिम पंघाल से स्वर्ण की आस है। उन्होंने हाल ही में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक कोटा दिलाया है।