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आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस से बनेगी बात या बिगड़ेगी, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

नई दिल्ली: याद कीजिए 1980 के दशक के साल। भारत में धीरे-धीरे कंप्यूटर क्रांति हो रही थी। जहां-जहां कंप्यूटर का उपयोग शुरू हुआ, वहां बदलाव दिखना शुरु हुआ। रेलवे के रिजर्वेशन टिकटिंग सिस्टम, स्कूल-कॉलेज के बोर्ड और यनिवर्सिटी में रिजल्ट तैयार करने वाले डिपार्टमेंट आदि में यह प्रयोग पहले हुआ। एक तरफ देश में कंप्यूटर का उपयोग बढ़ रहा था तो दूसरी तरफ इसका विरोध भी बढ़ रहा था। कुछ लोगों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। उनका कहना था कि कंप्यूटर के अपनाने से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर घटेंगे, छंटनी होगी, भर्ती कम निकलेगी आदि-आदि। आज जब दफ्तरों में हर टेबल पर कंप्यूटर आम हो गया है तो रोजगार कितना घटा या बढ़ा, आप खुद जानते हैं।

अब आ गया है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस

जब कंप्यूटर आ रहा था और जिस तरह की बातें लोगों में चलती थी, वैसी ही बातें इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बारे में भी चल रही है। कुछ लोग कहते हैं कि एआई से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर घटेंगे। जिस काम को आज 100 लोग मिल कर करते हैं, उसे आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (AI) अकेले निबटा देगा। उससे आप चाहे जैसी बातें लिखवा लो, वह लिख देगा। आप जैसा काम करवाओ, एआई से हो जाएगा। क्या इससे वाकई रोजगार के अवसर घटेंगे? इस बारे में हमने ग्रेट लर्निंग के एकेडमिक डाइरेक्टर डा. अभिनंदा सरकार से बात की।

सारे रास्ते एआई की तरफ जा रहे हैं

डा. सरकार का कहना है कि इस समय सारे रास्ते आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की तरफ जाते दिखते हैं। यदि तकनीक के अग्रणियों और इंडस्ट्री लीडर्स की मानें तो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस भविष्य को परिभाषित नहीं करेगा, बल्कि यही भविष्य है। और अब दुनिया इस बात से जूझ रही है कि आखिर इस तकनीक का उपयोग कैसे किया जाए, बाजार में बदलाव जारी है। अब बिजनेस पुराने तौर-तरीकों को हटाने के लिए एआई का रुख कर रहे हैं और दक्षता को बढ़ा रहे हैं। जिस तरह से उद्यमों में मानव श्रम का इस्तेमाल किया जाता है, उसमें बदलाव की उम्मीद है, क्योंकि एआई दफ्तरों में प्रवेश कर रहा है और उत्पादकता को बढ़ा रहा है। जल्द ही ऐसा होगा कि टास्क को मैनेज नहीं करना होगा, बल्कि उसे पूरा करने वाले तंत्र की निगरानी करनी होगी। एक नए तकनीकी युग के उदय के साथ, यह युवा प्रोफेशनल्स और फ्रेशर्स के लिए बिलकुल सही समय है- ताकि वे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग की दुनिया के बारे में जान सकें, जहां नवीनतम ट्रेंड्स और कॉन्सेप्ट में ट्रेनिंग कॅरियर की तरफ बढ़ाया गया एक निर्णायक कदम होगा और यह शायद उनके द्वारा लिया गया सबसे बेहतर निर्णय भी होगा।

युवा प्रोफेशनल्स को होना होगा तैयार

उनका कहना है कि आज के दौर में फ्रेशर्स को बदली हुई दुनिया का सामना करना पड़ रहा है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव हो रहा है और कई प्रकार की नौकरियों की मांग घट रही है, बिना कार्य अनुभव वाले युवा प्रोफेशनल्स के पास सीमित विकल्प रह गए हैं। तकनीक संस्थानों द्वारा नियुक्ति पर रोक लगाने और नौकरी पर रखने की गति धीमी होने के साथ, ग्रेजुएट्स सही विकल्प चुनने के मामले में बुरे नहीं हैं। लेकिन उम्मीद की किरण बाकी है- एआई जैसे क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और इन क्षेत्रों में प्रशिक्षित लोगों की मांग बढ़ रही है। हालांकि, आईटी जैसी पारंपरिक तकनीक और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों की विरासत, धीरे-धीरे कम हो रही है और इसका फोकस डिजिटल तकनीकों (एआई/एमएल,क्लाउड कंप्यूटिंग, आईओटी, ब्लॉकचेन और एआर/वीआर) की तरफ जा रहा है, ऐसे में नौकरी के नए क्षेत्रों का विकसित होना तय है। ये भूमिकाएं काफी ज्यादा स्पेशलाइज्ड होंगी और इसमें नए दौर के स्किल्स तथा क्रिटिकल थिंकिंग की खूबी शामिल होगी। हालांकि, इसे सिखाया नहीं जा सकता है, लेकिन पहले वाली चीज ऐसी है जिसे युवा खुद सीख सकते हैं और जान सकते हैं।

यहां है अवसर लेकिन करनी होगी तैयारी

उनके मुताबिक युवा भारत के लिए आगे का रास्ता साफ है। हालांकि, आर्थिक हालातों और वैश्विक घटनाओं की वजह से पारंपरिक भूमिकाएं निभाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन बाकी जगहों पर अवसर काफी ज्यादा हैं। नौकरियां हैं; लंबी अवधि के कॅरियर उपलब्ध हैं; और अच्छे वेतन, भविष्य को सुरक्षित रखने वाली भूमिकाएं उपलब्ध हैं। बड़ी ही सक्रियता से संस्थान रचनात्मक तथा विश्लेषणात्मक गुणों के मेल वाले युवा, जिज्ञासु प्रोफेशनल्स को ले रहे हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए, फ्रेशर्स को अपने रास्ते बदल लेने चाहिए और उन्हें एआई में अपस्किलिंग करने में अपना ध्यान लगाना चाहिए। दरअसल, हर क्षेत्र में ऑटोमेशन होना तय है, पटकथा लेखक को स्क्रिप्ट लिखने में मदद करने से लेकर मार्केटिंग को आसान बनाने तक। इसके साथ ही, एआई टूल्स की व्यावसायिक उपयोगिता बढ़ेगी, जिससे कर्मचारियों के पास गहन टास्क पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ज्यादा मौके होंगे, जिसमें इंसानी निर्णय लेने की जरूरत होगी। बढ़ती स्वीकार्यता से, एआई तंत्र बनाने और उसे बनाए रखने के लिए विकास को अंतिम रूप देने के लिए बड़े स्तर पर कार्यबल की आवश्यकता होगी- ऐसे में भविष्य की नौकरियों में शामिल होगा एमएल इंजीनियर्स, एआई डेटा विश्लेषक, डवऑप्स इंजीनियर्स और सॉल्यूशन आर्किटेक्ट। और भले ही इन नौकरियों में अंतत: बदलाव होगा और उनके अलग रूप विकसित हो जाएंगे, लेकिन वक्त के साथ उसे विकसित करने के लिए युवा प्रतिभाओं को मजबूत आधार मिलेगा।

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