Anti Naxal operation: नक्सलियों ने स्वीकारा : इसी साल मुठभेड़ों में मारे गए हैं उनके 78 साथी

बीजापुर। Anti Naxal operation: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों के पश्चिम बस्तर संभाग के प्रवक्ता मोहन ने प्रेस नोट जारी किया है। तेलगू में जारी प्रेस नोट में अब तक हुए मुठभेड़ों के खिलाफ 4 अप्रैल को बीजापुर बंद का आह्वान किया गया है।
नक्सली प्रवक्ता ने कहा कि, 2025 में जनवरी से लेकर अब तक अलग-अलग मुठभेड़ में कुल 78 नक्सली मारे गए। 20 मार्च को हुए मुठभेड़ में मारे गए 26 नक्सलियों में से 24 नक्सलियों के नाम पदवार जारी किया गया है। बन्देपारा, माड़, इंद्रावती, कांकेर और गंगालूर क्षेत्र में हुए मुठभेड़ का जिक्र करते हुए कुल 78 नक्सलियों के मारे जाने का जिक्र करते हुए इसके विरोध में 4 अप्रैल को बीजापुर बन्द का आव्हान किया गया है। इसके अलावा पुलिस पर 40 ग्रामीणों को गिरफ्तार करने का भी आरोप लगाया है।
जारी प्रेस नोट में नक्सल नेता ने लिखा-
Anti Naxal operation: जनवरी 2025 से केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से किए गए ‘हत्यारे कगार’ हमलों में 78 माओवादियों और आदिवासियों की हत्या की निंदा करें!
4 अप्रैल को बीजापुर जिला बंद रखें!!
13 जनवरी 2025 को बांडेपोरा के पास पांच कॉमरेड और 1 फरवरी को सात ग्रामीण मारे गए। 9 फरवरी को जालीपेर के पास 31 साथी शहीद हुए, 20 मार्च को गंगालूर क्षेत्र में 26 साथी, इसी दिन कांकेर में घटित घटना में 4 साथी शहीद हुए, 25 मार्च को मैड डिवीजन में चार साथी और इंद्रावती क्षेत्र में हुई घटना में कुल 78 साथी शहीद हुए। आइए हम उन सभी का हार्दिक स्वागत करें।
Anti Naxal operation: माओवादी पार्टी, जो 4 दशकों से क्रूर क्रांतिकारी आंदोलन चला रही है, लोकतांत्रिक सरकारों का निर्माण कर रही है और जन राजतंत्र के शासन का विस्तार कर रही है, ने अपने साथ खड़े आदिवासी समुदाय को पूरी तरह से मिटाने के लिए लोगों पर ‘कागर’ युद्ध की घोषणा की है। केंद्र और राज्य सरकारें दावा कर रही हैं कि, वे 31 मार्च 2026 तक माओवादी आंदोलन को पूरी तरह से खत्म कर देंगे। इसी संदर्भ में इन ‘सागर’ हमलों को समझने की जरूरत है।
Anti Naxal operation: योजना के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारें 2-3 राज्यों के बीच समन्वय कर 4-5 जिलों के सशस्त्र बलों जैसे बस्तर फाइटर्स, जिला रिजर्व गार्ड, स्पेशल टास्क फोर्स, सी 60 कमांडो और सीआरपीएफ को तैनात कर रही है। बीएसएफ कोबरा, एसएसएफ 4,000 से 10,000 सैनिकों को पानी की बौछारों के साथ भेज रहा है और कई क्षेत्रों में संयुक्त हमले कर रहा है। इन हमलों का उद्देश्य दंडकारण्य वन क्षेत्र से आदिवासी लोगों को बाहर निकालना, उनका समर्थन करने वाले माओवादियों का सफाया करना और क्रांतिकारी आंदोलन को खत्म करना था। साम्राज्यवादियों और कॉर्पोरेट शक्तियां यहां के खनिज संसाधनों और वन संपदा की लूट कर रहे हैं। यह जनविरोधी फासीवादी शासक वर्गों द्वारा षडयंत्रकारी हमले का लक्ष्य है। हम सभी वर्गों के लोगों से आग्रह करते हैं कि, वे इसकी निंदा करें और आदिवासी लोगों और उनके संघर्ष का समर्थन करें। जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों और जनता की लड़ाकू भावना की रक्षा करना सभी की जिम्मेदारी है।