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अमेरिकन सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ट्रांसजेंडर एथलीट पर प्रतिबंध लगाने से किया इनकार, कही ये बड़ी बात

वाशिगठन : अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वेस्ट वर्जीनिया को पब्लिक स्कूलों के महिला खेल टीमों से ट्रांसजेंडर एथलीटों पर प्रतिबंध लगाने वाले राज्य के कानून को लागू करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने इसको लेकर टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा कि ये एलजीबीटीक्यू के अधिकारों के साथ खिलवाड़ करना होगा।

न्यायाधीशों ने वेस्ट वर्जीनिया के उस कानून के खिलाफ निषेधाज्ञा को हटाने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिसे एक निचली अदालत ने लगाया था। एक 12 साल की ट्रांसजेंडर लड़की बेकी पेपर-जैक्सन ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। पेपर जैक्सन रूढ़िवादी जस्टिस सैमुअल अलिटो और क्लेरेंस थॉमस के सार्वजनिक रूप से किए गए फैसले से असहमत थे।

2021 में पारित किया गया था कानून

2021 में वर्जीनिया में एक कानून पारित किया गया था। इसके अनुसार, स्कूलों और विश्वविद्यालयों में महिला खेलों में ट्रांसजेंडर को खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके खिलाफ याचिका दायर करते हुए पेप्पर-जैक्सन और उनकी मां हीथर ने तर्क दिया कि कानून अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन कानून के तहत समान सुरक्षा की गारंटी के साथ-साथ शीर्षक IX नागरिक अधिकार कानून का उल्लंघन करता है। ये सेक्स और ट्रांसजेंडर स्थिति के आधार पर भेदभाव करता है। ये शिक्षा में भेदभाव भी करता है।

वेस्ट वर्जीनिया ने एक अदालती फाइलिंग में कहा कि यह कानूनी रूप से एथलेटिक टीमों को लैंगिक पहचान के बजाय सेक्स द्वारा असाइन कर सकता है ‘जहां पुरुषों और महिलाओं के बीच जैविक अंतर अलग-अलग टीमों के मौजूद होने का कारण है।’

वेस्ट वर्जीनिया के अटॉर्नी जनरल पैट्रिक मॉरिस ने कहा कि वह इस फैसले से ‘गहरे तौर पर निराश’ थे, लेकिन भविष्यवाणी की कि राज्य अंततः प्रबल होगा। उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ बुनियादी निष्पक्षता और सामान्य ज्ञान है कि जैविक पुरुष महिलाओं के खेल में नहीं खेलते हैं।’

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