वॉशिंगटन: रूस के लड़ाकू विमान द्वारा अमेरिका के सैन्य टोही ड्रोन को टक्कर मारकर गिराने की घटना के बाद से दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। इस मुद्दे पर रूस की रक्षा मंत्री और अमेरिका के रक्षामंत्री के बीच फोन पर बातचीत भी हुई। बातचीत में रूस ने अमेरिका पर उसकी जासूसी करने का आरोप लगाया। बातचीत के बाद अमेरिका के रक्षा मंत्री ने भी कह दिया है कि जहां तक अंतरराष्ट्रीय कानून इजाजत देंगे, वहां तक अमेरिका के विमान उड़ान भरेंगे। अमेरिका ने रूस को चेतावनी भी दी है कि वह सावधानी से अपने विमानों का संचालन करे।
अमेरिका के रक्षा मंत्री ने दी चेतावनी
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बयान जारी कर कहा कि जहां-जहां अंतरराष्ट्रीय कानून उड़ान की इजाजत देते हैं, वहां अमेरिका अपने एयरक्राफ्ट उड़ाता रहेगा। यह रूस के ऊपर है कि वह अपने एयरक्राफ्ट को सुरक्षित और सही तरीके से संचालित करे। ड्रोन गिराने की घटना को अमेरिका ने रूस की लापरवाही और गलत रवैया करार दिया है।
सेना प्रमुख बोले- रूस ने जानबूझकर गिराया ड्रोन
अमेरिका के सेना प्रमुख मार्क माइली ने कहा कि ‘पेंटागन घटना के वीडियो का विश्लेषण कर रहा है और यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि असर में हुआ क्या था।’ मार्क माइली ने कहा कि ‘हम जानते हैं कि जानबूझकर हमारे ड्रोन को इंटरसेप्ट किया गया। हम जानते हैं कि यह जानबूझकर उग्र तरीके से किया गया और यह बेहद गलत और असुरक्षित है।’
रूस ने लगाए जासूसी के आरोप
वहीं रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई सोइगु ने भी अमेरिकी रक्षा मंत्री के साथ बातचीत के दौरान अमेरिका पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा रूस की जासूसी की जा रही है और अब ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इसी वजह से लड़ाकू विमान से ड्रोन टकराने की घटना हुई। रूस ने ये भी कहा है कि अमेरिका के रणनीतिक ड्रोन का क्रीमिया के तट पर उड़ान भरना उकसावे की कार्रवाई है। इससे दोनों देशों के बीच काला सागर इलाके में लड़ाई के हालात बन सकते हैं। रूस ने भी कहा कि अगर उकसावे की कार्रवाई जारी रही तो उसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।
बता दें कि हाल ही में काला सागर में क्रीमिया के तट पर रूस के लड़ाकू विमान की टक्कर से अमेरिका का सैन्य टोही ड्रोन क्षतिग्रस्त होकर समुद्र में गिर गया था। अमेरिका ने रूस पर जानबूझकर उसके ड्रोन को गिराने का आरोप लगाया है और नाराजगी जाहिर की है। वहीं रूस ने इसे दुर्घटना बताया है लेकिन ये भी आरोप लगाया है कि अमेरिका उकसावे की कार्रवाई कर रहा है।