CG : आमानाका पुलिस ने सुलझाई अंधे कत्ल की गुत्थी, आटोचालक की हत्या में शामिल तीन नाबालिग गिरफ्तार

रायपुर : आमानाका इलाके में एक अज्ञात लाश संतोषी नगर के निलेश चंद्राकर की थी। पुलिस ने पखवाड़ेभर की सघन जांच के बाद अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझा ली है। इसकी जांच में आमानाका पुलिस ने संतोषी नगर से लेकर सरोना तक सैकड़ों सीसीटीवी फूटेज को खंगालते हुए हत्या के आरोपी तीन नाबालिगों को गिरफ्तार कर लिया है।

बताया गया है कि मृतक निलेश शिवाजी चौक संतोषी नगर का निवासी है। पिता की मृत्यु के बाद वह मां के साथ रहता था। ऑटो रिक्शा चलाता था। 15 की रात वह ऑटो चलाकर घर नहीं लौटा था। तो उसकी मां ने तलाश शुरू की। उधर आमानाका पुलिस को अज्ञात लाश की सूचना मिली थी। इस अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए टीआई ने बताया कि 15 जुलाई की रात निलेश अपने ऑटो के साथ कुकुरबेड़ा निवासी अपने दोस्त लतीश के घर पहुंचा था। आरोपी तीनों नाबालिग भी वहीं रहते थे। लतीश ने इन बच्चों से शराब मंगवाया था। लेकर आने के बाद इन सबकी बहस हुई, और उन बच्चों ने जान लेने की योजना बना ली। विवाद के बाद तो नाबालिग चले गए, लेकिन रात करीब 1 बजे वापस आए, और निलेश के ऑटो में ही लतीश, मनोज को साथ लेकर शहर घूमने निकले। इस दौरान मनोज ने जाने से मना किया, और लतीश ऑटो से कूदकर भाग गया। इस तरह से अब ऑटो में निलेश के साथ तीनों नाबालिग थे। उन लोगों ने निलेश को पहले सरोना छोडऩे कहा फिर उसे कुकुरबेड़ा लेकर आए।

ऑटो से ये तीनों निलेश को एक गोदाम नुमा भवन के पीछे खेत की ओर ले गए। जहां तीनों में सबसे छोटे बालक ने निलेश के सिर पर डंडे से वार किया। इसके बाद दूसरे ने भी। तीसरे बालक ने निलेश की गर्दन में चाकू से जानलेवा हमला किया। वहीं पास पड़े एक लकड़ी के पट्टे से निलेश की गर्दन को जान जाते तक दबाया था। मौत का अहसास होने के बाद तीनों नाबालिग ई-रिक्शा लेकर कचना चले गए जहां इनमें से एक के रिश्तेदार के यहां पहुंचे। वहां एक नाबालिग ने खून से रंगे अपने कपड़े बदले, और फिर तीनों ई-रिक्शा से आमानाका पहुंचे। जहां ओवरब्रिज के लिए ऑटो छोड़कर भाग निकले।

पुलिस ने जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहे लोगों की पहचान के लिए मोहल्ले के वरिष्ठ लोगों की मदद ली। और फिर इन तीन नाबालिगों को पकड़ा। कड़ाई से पूछताछ में तीनों ने इस घटना को स्वीकारा। आमानाका पुलिस ने धारा 103 के तहत मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश कर दिया। पुलिस के मुताबिक यह घटना क्षणिक गुस्से की परिणति रही। नाबालिग भी नहीं समझ पाए कि उनके हाथ से हत्या हो गई है। मृतक की मां घरों में मरीजों की देखभाल (केयर टेकर) का काम करती है।

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