यमन के हूतियों पर फिर एयर स्ट्राइक, अमेरिका-यूके ने मिलकर दागे बम, इस मुस्लिम देश से भी मिला समर्थन

वॉशिंगटन: लाल सागर में हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका और यूके ने एकबार फिर कार्रवाई की है। दोनों देशों ने यमन में हूती टार्गेट पर जॉइंट एयर स्ट्राइक की है। पेंटागन ने कहा कि सोमवार को आठ टार्गेट पर हमला किया गया। इसमें अंडरग्राउंड स्टोरेज साइट और हूतियों की मिसाइल और निगरानी क्षमता को भी ध्वस्त किया गया। ईरान के समर्थन वाले हूती उन जहाजों को निशाना बना रहे हैं जो इजरायल या पश्चिम से जुड़े हैं। लाल सागर महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग है। अमेरिका और यूके ने कहा कि वह वाणिज्य के फ्री फ्लो को प्रोटेक्ट कर रहे हैं।
पेंटागन की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में हूतियों के खिलाफ अतिरिक्त हमले की पुष्टि की गई है। बयान में कहा गया, ‘हमारा उद्देश्य लाल सागर में तनाव कम करना और स्थिति को बहाल करना है, लेकिन हमें हूतियों को फिर वॉर्निंग दोहराने दीजिए। हम बढ़ते खतरों के बीच दुनिया के सबसे बड़े में से एक वाणिज्य के मुक्त प्रवाह की रक्षा में संकोच नहीं करेंगे।’ अमेरिका की ओर से हूती ठिकानों पर अमेरिका का यह आठवां हमला है। इससे पहले 11 जनवरी को संयुक्त हमले किए जाने के बाद ब्रिटेन के साथ दूसरा संयुक्त अभियान है।
इन देशों से भी मिला समर्थन
बयान के मुताबिक हमले में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और नीदरलैंड की तरफ से भी समर्थन मिला। मुस्लिम देश बहरीन ने भी समर्थन दिया। सोमवार के हमलों में विमानवाहक यूएसएस आइजनहावर के अमेरिकी लड़ाकू विमान शामिल थे। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वायेजर टैंकरों की एक जोड़ी की ओर से समर्थित चार आरएएफ टाइफून अमेरिकी सेना के साथ रहे। इन विमानों ने सना हवाई क्षेत्र के आसपास के दो सैन्य ठिकानों पर पाववे IV सटीक गाइडेड बमों के जरिए हमले किए। इन ठिकानों को लगातार लाल सागर में अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग के खिलाफ हो रहा था।
पहले भी की गई थी बमबारी
यूके ने कहा कि नागरिक हताहत न हों, इसका ध्यान रखा गया। जोखिम को कम करने के लिए रात में बमबारी की गई। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक माना जा रहा है कि हमले से पहले यूके कॉमन्स के अध्यक्ष सर लिंडसे होयले और विपक्षी दल के नेता सर कीर स्टार्मर को हमले की जानकारी नहीं दी गई थी। हूतियों के अल मसीरा टीवी ने कहा कि यमन के सना, ताइज और बायदा प्रांतों में हमले की जानकारी मिली है। इस हमले से 10 दिन पहले अमेरिका-यूके ने मिलकर एक अटैक किया था।