रायपुर : टीवी चैनलों और सर्वे कंपनियों ने छत्तीसगढ़ सहित देश के जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो गया है, एग्जिट पोल जारी कर दिया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की बढ़त को लेकर सभी चैनलों में एक राय दिखाई है। गुरुवार को जारी पोल सर्वे के बाद सत्ताधारी दल कांग्रेस व प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के रणनीतिकारों ने सेंट्रल छत्तीसगढ़ के अंतर्गत आने वाले 64 विधानसभा सीटों पर नजरें टिका दी है।
बिलासपुर संभाग में इस बार भी कांग्रेस बढ़त की ओर है। इसे लेकर एक बार भी अटकलबाजी के साथ ही जीतने वाली सीटों को लेकर आकलन शुरू हो गया है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो बिलासपुर संभाग की 24 में से 13 सीट कांग्रेस और छह सीटें भाजपा के पास थी। बहुजन समाज पार्टी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने पांच सीटें आपस में बांट ली थी। इसमें दो सीट बसपा और तीन सीटें जोगी कांग्रेस को मिली थी।
विधानसभा चुनाव के ढाई साल बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया। रायगढ़ जिले के विभाजन से नए बने सारंगढ़ जिला बनने के बाद बिलाईगढ़ विधानसभा सीट बिलासपुर संभाग में शामिल हो गया। इसके चलते सीटों का आंकड़ा भी बदल गया है। लिहाजा कांग्रेस के पास 15 सीटें हो गई। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के बैनर तले लोरमी विधानसभा से विधायक धर्मजीत सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं।
कांग्रेस व भाजपा के बीच चार फीसद वोट का भारी अंतर
आंकड़ेबाजी के बीच गुरुवार को विभिन्न टीवी चैनलों के एग्जिट पोल के अनुसार सेंट्रल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 44 फीसद वोट शेयर किया है। वहीं भाजपा ने 40 वोट शेयर किया है। दोनों दलों के बीच चार फीसद का भारी अंतर है। भारी अंतर इसलिए कि महज एक से डेढ़ फीसद के बीच छत्तीसगढ़ में सरकार बनती और बिगड़ती है। राज्य गठन के बाद वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव को अपवाद स्वरूप छोड़ दें तो वर्ष 2003 से 2013 तक दोनों दलों के वोट शेयर में डेढ़ से दो फीसद का ही अंतर रहा है। वर्ष 2018 में कांग्रेस के पक्ष में लहर चली थी। इसका असर भी दिखाई दिया। मौजूदा पोल सर्वे के बाद कांग्रेस व भाजपा के रणनीतिकारों की नजर बिलासपुर संभाग की 25 सीटों पर जा टिकी है। एक-एक सीट को लेकर एक बार फिर आंकलन शुरू हो गया है।
जिले की सीटों पर पैनी निगाहें
बिलासपुर जिले के अंतर्गत आने वाली छह सीटों पर रणनीतिकारों की दिलचस्पी एक बार फिर बढ़ने लगी है।बीते विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी और जहां कांग्रेस आगे रही। एक बार फिर मतदान के आंकड़ों से लेकर मतदाताओं के रुझान पर चर्चा होने लगी है। सत्ताधारी दल के रणनीतिकारों की मानें तो बिलासपुर जिले में इस बार आंकड़ा बदलेगा और कांग्रेस की सीटें भी इसी अंदाज में बढ़ेगी। भाजपाई रणनीतिकार भी कुछ इसी अंदाज में दावा कर कर रहे हैं।