केशकाल : 2010 में नक्सली हिंसा में पति की मौत के बाद उसकी पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति दी गई, लेकिन महिला अपने दो बच्चों को बेसहारा छोड़ प्रेमी के साथ भाग गई। बच्चों के पालक ने मृतक की पत्नी की अनुकंपा नियुक्ति को तत्काल निरस्त कर मृतक के बच्चों की पढ़ाई के लिए आवासीय व्यवस्था वाले स्कूल-आश्रम की व्यवस्था की मांग की है।
केशकाल ब्लाक व धनौरा तहसील के ग्राम पड्डे के मन्नूराम नाग की नक्सलियों ने 27 जून 2010 में हत्या कर दी थी। इसके बाद उसकी पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई थी। मन्नूराम नाग की हत्या के समय बड़ा पुत्र प्रज्जवल नाग मात्र दो वर्ष था और द्वितीय पुत्र आसू नाग अपने मां के गर्भ में ही था। अब बड़े पुत्र प्रज्जवल नाग की उम्र 15 वर्ष हो चुकी है जो 10वीं की पढ़ाई कर रहा है।
दूसरा पुत्र आसू नाग 13 वर्ष का हो चुका है जिसने अपने पिता का चेहरा भी देख नहीं पाया था और पिता का लाड़ प्यार भी नसीब नहीं हो पाया था वह इस वर्ष 8वीं कक्षा में है। वहीं इन बच्चों की मां अपने प्रेमी के साथ चली गई और इन बच्चों को बेसहारा छोड़ दी। हालात यह है कि इन बच्चों को खाने के लिए एक दाना भी नहीं है और पढ़ाई भी नहीं कर सकेंगे।
जानकारी मिलते ही विधायक व कलेक्टर ने की पहल
बच्चों को लेकर पालक गत दिवस केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम के घर दस्तक देकर फरियाद करने पंहुचे। जिसे विधायक नीलकंठ ने बड़ी संवेदना से लिया और बच्चों की पढ़ाई का व्यवस्था कराने का दिलाशा देते तुरंत पहल भी प्रारंभ कर दिया। इसके बाद दूसरे दिन पालक बच्चों को लेकर कोंडागांव के कलेक्टर दुदावत से मिले और आपबीती बताई जिसे कलेक्टर ने सूना और जावंगा के आवासीय स्कूल में भर्ती कराने की आवश्यकता बताते भर्ती दिलाने का आग्रह किया।
कलेक्टर ने संवेदनापूर्वक शिक्षा व्यवस्था कराने की पहल
अपने बच्चों को बेसहारा छोड़कर जाने पर बच्चों के पालक व नक्सली हिंसा में मृतक के परिवार ने मांग की कि नक्सली हिंसा में मृतक की पत्नी अनुकंपा नियुक्ति आदेश के नियम शर्त कंडिका 10 का उल्लंघन करते नई शादी कर जिम्मेदारी से मुख मोड़ ली है, उसे देखते हुए उसकी अनुकंपा नियुक्ति तत्काल निरस्त की जाए और नक्सली हिंसा में मृतक के दोनों बच्चों की पढ़ाई के लिए आवासीय व्यवस्था वाले स्कूल -आश्रम की व्यवस्था की जाए।