नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तीन उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति करने की मंजूरी दे दी है।
इन तीनों जजों ने आज शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र सरकार के मुहर लगने के बाद चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा, चीफ जस्टिस ऑगसटीन जॉर्ज मसीह और चीफ जस्टिस संदीप मेहता को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक्स पर उनकी नियुक्ति की घोषणा की।
सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या हुई 34
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा, राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संदीप मेहता को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 6 नवंबर को उनके नामों की सिफारिश की थी। बता दें कि इन तीनों की नियुक्ति के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या अब 34 हो चुकी है।
आइए इन तीनों जजों के इतिहास पर एक नजर डालें।
जस्टीस सतीश चंद्र शर्मा
जस्टीस सतीश चंद्र शर्मा दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। इसके अलावा वो तेलंगाना उच्च न्यायायल में भी चीफ जस्टिस की भूमिका निभा चुके हैं।
30 नवंबर 1961 को जन्मे सतीश चंद्र शर्मा ने वकालत को अपना करियर बनाया। इसके बाद वो अपनी मेहनत और कौशल से काफी कम उम्र में भी मध्य प्रदेश में वकील बन गए। उन्हें 18 जनवरी 2008 को एमपी हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह
राजस्थान हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस का पद संभाल चुके जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज भी रह चुके हैं। 30 मई 2023 को उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में पदोन्नीत किया गया।
जस्टिस संदीप मेहता
जस्टीस संदीप मेहता गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। 30 मई 2011 को वो राजस्थान हाईकोर्ट के जज बने थे। वह इस साल 15 फरवरी से गुवाहाटी हाईकोर्ट के चिफ जस्टिस हैं। बता दें कि जस्टिस मेहता ऑल इंडिया हाईकोर्ट जजों की सीनियॉरिटी लिस्ट में 23वें नंबर पर हैं।