रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा नेतृत्व वाली नई सरकार गठन के बाद अब जल्द ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होने की संभावना है। राज्य के प्रशासनिक हल्कों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है किअब पुलिस महानिदेशक समेत मंत्रालय में पदस्थ सचिव स्तर के अधिकारी, जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक बदलने की बारी है। वैसे भी सरकार में बदलाव के साथ ही प्रशासनिक सर्जरी की जाती है।
डीजीपी पद के ये हैं दावेदार
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सरकार बदलने के बाद होने वाली प्रशासनिक सर्जरी में राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा को अगर बदला गया, तो उनके स्थान पर 1990 बैच के आईपीएस राजेश मिश्रा नए डीजी हो सकते हैं, क्योंकि वरिष्ठता क्रम में सबसे आगे हैं। वर्तमान में वे स्पेशल डीजी एफएसएल के पद पर कार्यरत हैं।
12-13 जिलों के कलेक्टर, एसपी बदलेंगे
यह भी कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के कम से कम 12-13 जिलों के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षकों को बदलने आदेश जल्द जारी हो सकता है। सूत्रों के अनुसार चुनाव परिणाम आने के बाद से इ इस बात की चर्चा शुरू हो गई थी कि जिलों के कलेक्टर-एसपी के पदों पर बदलाव होगा। पूर्व में कांग्रेस सरकार के समय सरकार के अनुकूल रहने वाले अधिकारियों की पदस्थापनाएं की गई थीं। हालांकि चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कुछ कलेक्टर-एसपी को हटाया गया था।
29 अधिकारियों की सूची तैयार
भाजपा से जुड़े सूत्रों की मानें, तो राज्य में आईएएस और आईपीएस कैडर के 29 अधिकारियों को उनके पद से हटाने के लिए सूची पहले ही तैयार कर ली गई थी। अब नई सरकार बनते ही माना जा रहा है कि इन अधिकारियों को हटाने और उनकी जगह नए अधिकारियों की पदस्थापना का आदेश जारी किया जाएगा। अभी ये साफ नहीं है कि इन अधिकारियों में कितने कलेक्टर और एसपी हैं।
सचिव और संविदा अफसर भी
राज्य की नौकरशाही के जानकारों का कहना है कि मंत्रालय में पदस्थ सचिव तथा उससे उच्च स्तर के कुछ अधिकारियों को भी बदला जाना तय है। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि इस स्तर पर कौन से अधिकारी होंगे, लेकिन साथ ही जानकार ये भी मानते हैं कि मुख्य सचिव अमिताभ जैन अपने पद पर फिलहाल बने रहेंगे। । इसी क्रम में यह जानकारी भी है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा संविदा आधार पर नियुक्त किए गए सेवानिवृत्त अफसरों को नई सरकार तत्काल उनके पदों से हटाएगी। उल्लेखनीय है कि चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे पहले पूर्व आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था, लेकिन कई विभागों में अभी भी संविदा अफसर पद पर बने हुए हैं।