Adani Ports US Funding Rejection: गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी पोर्ट्स ने एक अहम फैसला लिया है। कंपनी ने श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) की 4692 करोड़ रुपए ($553 मिलियन) की फंडिंग को ठुकरा दिया है। अब कंपनी ने यह प्रोजेक्ट कंपनी अपने संसाधनों से पूरा करेगी। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब अडाणी ग्रुप अमेरिकी न्याय विभाग के रिश्वतखोरी के आरोपों का सामना कर रहा है।
क्या है कोलंबो पोर्ट प्रोजेक्ट और क्यों है यह खास?
Adani Ports US Funding Rejection: कोलंबो पोर्ट प्रोजेक्ट श्रीलंका का सबसे बड़ा कंटेनर टर्मिनल बनने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2021 में हुई थी, जिसे अडाणी पोर्ट्स, श्रीलंका पोर्ट अथॉरिटी और जॉन कील्स होल्डिंग्स मिलकर पूरा कर रहे हैं। यह टर्मिनल 1,400 मीटर लंबा और 20 मीटर गहरा होगा। इसकी वार्षिक हैंडलिंग क्षमता 32 लाख TEU (Twenty-foot Equivalent Unit) होगी। श्रीलंका के इस प्रमुख प्रोजेक्ट को अडाणी ग्रुप ने आत्मनिर्भरता की मिसाल के तौर पर चुना है।
अमेरिकी फंडिंग क्यों ठुकराई गई?
Adani Ports US Funding Rejection: बीते साल नवंबर में DFC ने कोलंबो प्रोजेक्ट के लिए $553 मिलियन की फंडिंग का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी के आरोपों और जांच के चलते अडाणी ग्रुप ने यह फंडिंग नहीं लेने का फैसला किया। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी कि यह प्रोजेक्ट 2025 की शुरुआत तक पूरा हो जाएगा और इसके लिए कंपनी अपने खुद के फंड्स का इस्तेमाल करेगी।