नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी कि सेबी को पत्र लिखकर अदाणी समूह द्वारा वित्तीय अनियमितताओं और शेयरों में हेराफेरी की जांच करने की मांग की है। जयराम रमेश ने रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को लिखे पत्र में मांग की है कि आरबीआई अदाणी समूह को दिए गए अत्यधिक कर्ज और इसके भारतीय बैंकिंग सिस्टम पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच करे।
‘बैंकिंग सिस्टम पर हो सकता है असर’
जयराम रमेश ने यह पत्र सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘अदाणी समूह के ऊपर अत्यधिक कर्ज होने की बात कही जा रही है। अगर अदाणी समूह ने ऑफशोर शैल कंपनियों की मदद से अपने शेयरों की कीमतों को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया है तो इन ओवर प्राइस शेयरों को गिरवी रखकर फंड जुटाया है तो इससे अदाणी समूह को आगे फंड जुटाने में समस्या हो सकती है। ऐसे में इसका भारतीय बैंकिंग सिस्टम पर भी असर हो सकता है’।
जांच की उठाई मांग
जयराम रमेश ने रिजर्व बैंक से इस मामले की जांच करने की मांग की है। साथ ही यह भी लिखा है कि अदाणी समूह को क्या कोई गारंटी दी गई है कि अगर विदेशी फंडिग नहीं मिलती है तो भारतीय बैंक उन्हें बेलआउट पैकेज देने के लिए मजबूर तो नहीं किया जाएगा! जयराम रमेश ने एलआईसी और एसबीआई द्वारा अदाणी समूह के प्रति असामान्य उदारता बरतने पर भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता ने लिखा कि ‘केंद्रीय बैंक होने के नाते रिजर्व बैंक को भारतीय बैंकिंग सिस्टम को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए। हम अपील करते हैं कि देशहित में यह सुनिश्चित किया जाए कि देश के करदाताओं को किसी बिजनेस समूह की अनियमितताओं और खराब प्रशासन की कीमत ना चुकानी पड़े’
सेबी को चेताया
जयराम रमेश ने सेबी की चीफ माधवी पुरी बुच को लिखे पत्र में जयराम रमेश ने लिखा कि अदाणी समूह में कथित गड़बड़ियों से कई भारतीय नागरिक परेशान हैं। कई भारतीय कानूनों के उल्लंघन के साथ ही यह सेबी के नियमों के भी खिलाफ है। हम अपील करते हैं कि सेबी इसकी पूरी पारदर्शिता से जांच करे। इसमें की गई लापरवाही भारतीय कॉरपोरेट प्रशासन और भारतीय वित्तीय रेगुलेटर्स की क्षमता पर वैश्विक तौर पर सवालिया निशान लगा सकती है।