जस्टिस शेखर यादव पर एक्शन!: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने किया तलब, ‘कठमुल्ले’ वाले बयान पर मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मुस्लिम समुदाय को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक कार्यक्रम में दिए गए विवादित बयान पर अब सुप्रीम कोर्ट भी सख्त रुख अपना रहा है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए जस्टिस यादव को 17 दिसंबर को बैठक में तलब किया है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में जस्टिस शेखर यादव के विवादित बयान पर चर्चा होगी।
10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान
बता दें कि 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उनके भाषण पर संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूरी जानकारी मांगी थी। जस्टिस यादव के बयान को लेकर देश की विपक्षी पार्टियां लामबंद हो गई हैं। शुक्रवार को राज्यसभा में जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया। विपक्षी सांसदों ने कहा कि जस्टिस यादव घृणा फैलाने और सांप्रदायिक भेदभाव को बढ़ावा दे रहे हैं।
विपक्ष का विरोध और महाभियोग प्रस्ताव
कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा महासचिव को महाभियोग का नोटिस सौंपा। इस नोटिस में कहा गया था कि जस्टिस यादव का बयान संविधान की भावना के खिलाफ है। अगर महाभियोग प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाता है, तो जस्टिस यादव को पद छोड़ना पड़ सकता है। हालांकि, यह प्रक्रिया इतना आसान नहीं है। जजों को कानूनी संरक्षण मिलता है।