नई दिल्ली। ‘डिजिटल अरेस्ट’ से जुड़े मामलों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई करते हुए मोदी सरकार ने अब तक करीब 6 लाख मोबाइल नंबर निष्क्रिय कर दिए हैं. वहीं साइबर धोखाधड़ी में शामिल पाए गए विशिष्ट IMEI नंबर वाले 1,10,000 मोबाइल हैंडसेट को ब्लैकलिस्ट किया गया है.
मोबाइल नंबरों के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के तहत I4C ने विभिन्न प्रकार के 709 मोबाइल एप्लीकेशन ब्लॉक किए हैं. अधिकारियों ने बताया कि साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने साइबर धोखाधड़ी में शामिल करीब 3.25 लाख फर्जी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है.
यह कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के दौरान की गई उस टिप्पणी के बाद की गई है, जिसमें उन्होंने लोगों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ और साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ आगाह किया था.
पीएम ने कहा था कि डिजिटल अरेस्ट करने वाले पहले आपकी सारी निजी जानकारी इकट्ठा करते हैं, और फिर डर का माहौल बनाते हैं. उन्होंने कहा था, “वे आपको फोन पर इतना डरा देंगे कि आप कुछ सोच भी नहीं पाएंगे. फिर, वे आपको तत्परता का एहसास कराएंगे. वे ऐसा मनोवैज्ञानिक दबाव बनाते हैं कि व्यक्ति डर जाता है और डिजिटल गिरफ्तारी का शिकार हो जाता है.”
साइबर धोखाधड़ी और डिजिटल गिरफ्तारी के मामलों से निपटने वाले अधिकारियों ने कहा कि I4C ने राज्यों की पुलिस से भी संपर्क किया है, क्योंकि एजेंसी को केस-टू-केस आधार पर डिजिटल गिरफ्तारी के मामलों की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है. विशेष सचिव आंतरिक सुरक्षा (एसएसआईएस) को केंद्रीय और राज्य एजेंसियों द्वारा निपटाए जा रहे ऐसे मामलों का अवलोकन रखने का काम सौंपा गया है.
पीएम मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के अपने 115वें एपिसोड में नागरिकों को डिजिटल गिरफ्तारी से सावधान रहने की सलाह दी थी. उन्होंने साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचने के लिए ‘रुको-सोच-एक्शन लो’ का मंत्र भी दिया.