दिग्विजय का दावा-एमपी में हुआ हजारों करोड़ का फर्जीवाड़ा, सीएम मोहन यादव को पत्र, शिवराज का भी नाम

भोपाल : मध्य प्रदेश के सीहोर, शाजापुर और गुना सहित 35 जिलों में बड़ा जमीन फर्जीवाड़ा सामने आया है। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर जांच कराए जाने की मांग की है। कहा, पीएसीएल कंपनी ने कुछ अफसरों से मिलकर हजारों करोड़ का फर्जीवाड़ा किया है।

दिग्विजय सिंह ने मंगलवार, 29  अक्टूबर को पत्र लिखकर बताया कि भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन संभाग के कई जिलों में जमीनों का फर्जीवाड़ा हुआ है। किसान की जमीनों का नामांतरण हो गया, लेकिन उन्हें भनक तक नहीं लगी। कुछ जमीनों की नामांतरण के दस्तावेज तो रजिस्टार ऑफिस में उपलब्ध नहीं हैं।

सीएम को लिखे पत्र में 6 प्रमुख बाते

पीएसीएल कंपनी ने मध्यप्रदेश के कई जिलों में हजारों किसानों की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री कराई है।

राजस्व और पंजीयक विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ है।

किसानों ने दावा किया है कि उन्होंने कभी अपनी जमीनें नहीं बेची फिर भी कंपनी के नाम पर रजिस्ट्री हो गई।

मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही है। इसमें एक कमेटी गठित की गई है।

कई जिलों के कलेक्टर्स से जवाब न मिलने को बड़े घोटाले का संकेत माना जा रहा है।

कुछ किसानों ने कंपनी के खिलाफ आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद कई अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।

दिग्विजय सिंह की 6 प्रमुख मांगे

जमीन घोटाले में शामिल जिलों के कलेक्टर्स से कृषि भूमि खरीदी बिकी के प्रकरण की जांच कराकर प्रतिवेदन मांगा जाए।

किसानों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए। जांच कमेटी उनके कथन दर्ज करे।

धोखाधड़ी मिलने पर दोषी अफसरों, कंपनी डायरेक्टर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए।

जिन जमीनों के नामांतरण, बंटवारे, खरीदी बिक्री पर रोक लगाई गई है। जांच कराकर उनसे रोक हटाई जाए।

पीएसीएल कंपनी से पीड़ित किसानों की सुनवाई के लिए हर जिले में अलग प्रकोष्ठ गठित किया जाए।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के सीनियर अधिकारी की अध्यक्षता में प्रकोष्ठ गठित कर कलेक्टर्स से सेबी और सुप्रीम कोर्ट तक राज्य शासन का पक्ष रखे।

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