PM मोदी ने BRICS में पुतिन को दी झारखंड की अनोखी सौगात
BRICS सम्मेलन में भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन, पीएम मोदी ने पुतिन को झारखंड की सोहराई पेंटिंग भेंट की और अन्य राष्ट्रप्रमुखों को महाराष्ट्र की प्रसिद्ध हस्तकलाएं उपहार में दीं।
BRICS सम्मेलन में भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन, पीएम मोदी ने पुतिन को झारखंड की सोहराई पेंटिंग भेंट की और अन्य राष्ट्रप्रमुखों को महाराष्ट्र की प्रसिद्ध हस्तकलाएं उपहार में दीं।
BRICS सम्मेलन में भारतीय हस्तकलाओं का आदान-प्रदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BRICS सम्मेलन के दौरान विभिन्न राष्ट्रप्रमुखों को भारत की पारंपरिक कलाओं के प्रतीकस्वरूप विशेष उपहार भेंट किए। इस अवसर पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को झारखंड की पारंपरिक सोहराई पेंटिंग और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव को महाराष्ट्र की प्रतिष्ठित वारली पेंटिंग उपहार में दी गई। अधिकारियों के अनुसार, यह उपहार भारतीय शिल्पकला और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं, जिनसे भारतीय हस्तशिल्प की समृद्धि और विविधता प्रदर्शित होती है।
पुतिन को भेंट में मिली सोहराई पेंटिंग
रूस के राष्ट्रपति पुतिन को दी गई सोहराई पेंटिंग झारखंड के हजारीबाग जिले की एक विशिष्ट आदिवासी कला है, जिसे स्थानीय समुदाय के वन्यजीवन के प्रति सम्मान का प्रतीक माना जाता है। यह कला पारंपरिक रूप से प्राकृतिक रंगों और सरल औजारों जैसे टहनियों, चावल के भूसे और उंगलियों से बनाए गए ब्रश का उपयोग करके बनाई जाती है। सोहराई पेंटिंग को “एक जिला, एक उत्पाद” (ODOP) के तहत विशेष मान्यता मिली है और इसे आदिवासी जीवनशैली का सजीव चित्रण माना जाता है।
उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति को दी गई वारली पेंटिंग
महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों की वारली जनजाति की एक प्राचीन और विख्यात कला, वारली पेंटिंग, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव को भेंट में दी गई। अधिकारियों के अनुसार, वारली चित्रकला लगभग 5,000 वर्ष पुरानी मानी जाती है और यह मुख्यतः जियोमेट्रिक आकृतियों द्वारा आदिवासी जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे प्रकृति, त्योहारों, और सामुदायिक गतिविधियों को दर्शाती है। इस कला को वर्ष 2014 में जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग भी प्राप्त हुआ है।
ईरान के राष्ट्रपति को महाराष्ट्र का मदर ऑफ पर्ल शंख का फूलदान
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन को प्रधानमंत्री मोदी ने मदर ऑफ पर्ल (समुद्री शंख) से बना एक सुंदर फूलदान भेंट किया, जो महाराष्ट्र के तटीय कारीगरों द्वारा बनाया गया था। अधिकारियों का कहना है कि यह फूलदान महाराष्ट्र की कुशल शिल्पकला और प्राकृतिक सौंदर्य को प्रकट करता है, जो वहां की अनूठी शिल्पकला परंपरा का प्रतीक है।
इस तरह पीएम मोदी द्वारा BRICS सम्मेलन में दी गई यह सभी अनोखी और पारंपरिक भारतीय हस्तकला कलाकृतियां भारतीय संस्कृति और परंपराओं की अद्वितीयता और उसकी समृद्ध धरोहर को वैश्विक मंच पर दर्शाती हैं।