दिल्ली की नई CM आतिशी का छत्तीसगढ़ से है पुराना नाता, इस आश्रम में 6 माह रहकर ‘मध्यस्‍थ दर्शन’ का किया था अध्ययन

दुर्ग। आम आदमी पार्टी की नेता और मंत्री आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होगी। आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। 2012 से ही आम आदमी पार्टी से जुड़ी आतिशी को आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को बेहद करीबी माना जाता है, लेकिन क्या आप ये जानते है दिल्ली की नई सीएम आतिशी का छत्तीसगढ़ से काफी पुराना नाता है। वह दुर्ग जिले के अछोटी में स्थित अभ्युदय आश्रम में 6 माह रहकर ‘मध्यस्‍थ दर्शन’ का अध्ययन कर चुकी है।

बता दें कि आतिशी दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और तृप्ता वाही की बेटी हैं। उन्होंने दिल्ली के स्प्रिंगडेल्स स्कूल से पढ़ाई की थी। वहीं सेंट स्टीफेंस कॉलेस से इतिहास की पढ़ाई की है। इसके बाद आतिशी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री हासिल की। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में चयन के बाद लंदन रवाना होने से पहले आतिशी अभ्युदय आश्रम से जुड़ी, साल 2003-04 इस दौरान उन्होंने करीब 6 महीने अछोटी में रहकर मध्यस्थ दर्शन के प्रणेता ए.नागराज के सानिध्य में रहकर जीवन विद्या का अध्ययन किया। इस बात को दो दशक से भी ज्यादा वक्त बीत चुका है लेकिन आज भी आतिशी आश्रम के साथ लगातार संपर्क में है।

आतिशी को जानने वाले कहते है कि आतिशी शुरू से राजनीति में नहीं, बल्कि समाज में बेहतरी की चाहत थी। वे शिक्षा और संस्कार के माध्यम से बदलाव लाना चाहती थीं। संस्थान में रहकर वे मध्यस्थ दर्शन के जरिए सही समझ विकसित कर बच्चों और समाज को शिक्षित करना चाहती थीं। उनका उद्देश्य हमेशा से शिक्षा के जरिए समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना रहा है।

क्या है मध्यस्‍थ दर्शन जीवन विद्या
‘मध्यस्‍थ दर्शन जीवन विद्या’ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 30 किमी दूर अहिवारा रोड पर अछोटी गांव में स्थित अभ्युदय आश्रम में आयोजित होने वाली वर्कशाप का एक कोर्स है। इस आश्रम की स्थापना वर्तमान भागमभाग में उलझी जिंदगी में मानवता, आध्यात्मिकता और आत्मज्ञान को जानने की चेष्टा जगाने के लिए की गई है।

इस आश्रम की ख़ास बात यह है कि संस्थान में रोज सैकड़ों लोग आते हैं। यही नहीं यहां आने वालों पर यहां से जाने का दबाव नहीं बनाया जाता है। साथ ही फीस भी नहीं ली जाती। हालांकि अपना खर्च खुद वहन करना होता है। इसकी शुरुआत करीब 21 साल पहले अमरकंटक के बाबा नागराज से जीवन चेतना मूल्य की शिक्षा लेकर 12 लोगों ने इसकी स्‍थापना की। वे ‌लोग संसार में बढ़ रही भौतिकवाद से परेशान थे। इनमें से कोई दिल्ली से आईटी कंपनी छोड़कर तो कोई फैमिली बिजनेस से अलग हो समाज के लिए कुछ करना चाहता था। अब तक इस संस्थान से करीब 30 हजार से अधिक लोग ट्रेनिंग ले चुके हैं। कुछ साल पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इस आश्रम में आकर रह चुके हैं। कोर्स की तारीफ पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम भी कर चुके हैं।

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