भोपाल : मध्य प्रदेश में छतरपुर की घटना के बाद सरकार की कार्रवाई को लेकर सियासत तेज हो गई है। पथराव की घटना में शामिल कांग्रेस नेता हाजी शहजाद की कोठी को ध्वस्त कर दिया गया। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने इसे नफरत की कार्रवाई बताते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कहीं है। वहीं, इसे लेकर मीडिया के सवाल पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भेपाल में कहा कि जो कानून का उल्लंघन करेगा तो कानून अपना रास्ता बनाएगा। सरकार समाज के काम में मददगार रहती है। असमाजिक तत्वों से निपटने में सक्षम है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापढ़ी के बाद भोपाल उत्तर से विधायक आरिफ मसूद ने भी प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने लिखा कि 21 अगस्त को छतरपुर सिटी कोतवाली की घटना से नाराज पुलिस ने स्थानीय प्रशासन के बाद बिना नोटिस दिए अगले दिन लोगों के घर पर बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिए। यह सीधे सीधे न्याय व्यवस्था के खिलाफ है। इस कार्रवाई से लग रहा है कि मध्य प्रदेश में संविधान समाप्ति की ओर है। पत्र के जरिए उन्होंने कार्रवाई करने वाले अधिकारियों पर एक्शन लेने की की मांग की थी।
यह है मामला ?
नासिक के महंत रामगिरि महाराज की कथित तौर पर की गई विवादित टिप्पणी के विरोध में छतरपुर के मुस्लिम समाज ने बुधवार को कोतवाली थाने का घेराव किया। प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी और हंगामा हुआ, जिसमें कुछ लोगों ने थाने में पथराव कर दिया। इस घटना में कोतवाली टीआई और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। मुख्यमंत्री मोहन ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि मध्य प्रदेश शांति का प्रदेश है, कोई भी सुनियोजित तरीके से कानून को हाथ में ले यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।