Russia Ukraine War: अमेरिका ने चीन को दी चेतावनी, कहा- रूस की सहायता की तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
कीव : संयुक्त राज्य अमेरिका नेचीन को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। उसने कहा है कि अगर चीन ने रूस के आक्रमण का समर्थन करने के लिए हथियार प्रदान किए, तो इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा। इससे पहले, कीव के शीर्ष जनरल ने बखमुत के सीमावर्ती शहर का दौरा किया, जहां यूक्रेनी रक्षक लगातार हमलों के खिलाफ पकड़ बना रहे थे।
चीन की रोकने की कोशिश कर रहा अमेरिका और नाटो
अमेरिका और उसके नाटो सहयोगी चीन को रूस की सैन्य सहायता करने से रोकने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। उसका मानना है कि चीन, रूस को ड्रोन सहित घातक उपकरण देने पर विचार कर रहा है। पूर्वी यूक्रेन में प्रमुख लक्ष्यों को हासिल करने के लिए रूस की सेना संघर्ष कर रही है, ऐसे में पश्चिमी देशों को रूस को हथियारबंद करने में चीन की मदद करने का डर सता रहा है।
चीन को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सीएनएन के ‘स्टेट ऑफ द स्टेट’ को बताया, “चीन को यह निर्णय लेना होगा कि वह कैसे आगे बढ़ता है, क्या वह सैन्य सहायता प्रदान करेगा, लेकिन अगर वह ऐसा करता हो इसे उसको गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
हाल में, शनिवार को भारत में ग्रुप आफ ट्वेंटी यानी जी-20 की एक बैठक में चीन ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने से इनकार कर दिया। उसने शुक्रवार को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पहली वर्षगांठ पर एक युद्धविराम प्रस्ताव प्रकाशित किया, लेकिन इस प्रस्ताव को यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगी संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं।
”चीन को उसके काम से आंकें, शब्दों से नहीं”
जर्मन रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने रविवार को जर्मन सार्वजनिक प्रसारक Deutschlandfunk को बताया, ”जब मैं रिपोर्ट सुनता हूं… और मुझे नहीं पता कि वे सच हैं या नहीं, जिसके अनुसार चीन रूस को कामिकाजी ड्रोन की आपूर्ति करने की योजना बना रहा है, साथ ही एक शांति योजना पेश कर रहा है, तो मेरा सुझाव है कि हम चीन को उसके काम से आंकें न कि उसके शब्दों से।”
रूस को घातक उपकरण देने पर विचार कर रहा चीन
सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स ने भी रविवार को चीन के संबंध में कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी आश्वस्त हैं कि चीनी नेतृत्व रूस को घातक उपकरणों को देने पर विचार कर रहा है। वहीं, अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव फॉरेन अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन रिपब्लिकन रिप्रेजेंटेटिव माइकल मैककॉल ने उन खबरों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि ड्रोन उन हथियारों में से एक है, जिन्हें चीन रूस भेजने पर विचार कर रहा है।