पीएम मोदी 2 दिवसीय दौरे पर रूस रवाना, क्रेमलिन ने कहा “पश्चिमी देशो को हो रही जलन”

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर सोमवार दोपहर को रूस रवाना हो गए। वे यहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्षिक बैठक में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी 8 और 9 जुलाई को रूस में रहेंगे, यहां अहम मीटिंग और चर्चा के बाद एक दिवसीय दौरे पर ऑस्ट्रिया भी जाएंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल में यह उनकी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है। साथ ही फरवरी 2022 में यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद रूस का पहला दौरा है। इससे पहले नरेंद्र मोदी 2019 में इकोनॉमिक समिट के लिए व्लादिवोस्तोक गए थे।

आज पुतिन से मुलाकात, शाम को डिनर

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को जीत की बधाई देते हुए एनुअल समिट के लिए आमंत्रित किया था। इस दौरे पर 22वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा। मोदी सोमवार शाम 5.30 बजे पुतिन से मुलाकात करेंगे। शाम 7 बजे दोनों नेता एक साथ डिनर करेंगे। अगले दिन मंगलवार को दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। पीएम मोदी हथियारों की एक प्रदर्शनी भी देखेंगे। बता दें कि रूस कई दशक से भारत का प्रमुख सहयोगी रहा है। भारत रशियन ऑयल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है।

आइए जानते हैं, पीएम मोदी के रूस दौरे से जुड़ी प्रमुख जानकारी…

पीएम मोदी के सोमवार दोपहर (IST) तक रूस पहुंचने की उम्मीद है। मोदी और पुतिन के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में उच्चतम संस्थागत संवाद तंत्र है। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, मोदी और पुतिन अपनी बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा करेंगे और आपसी हित के समसामयिक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।

मोदी का मास्को में कार्यक्रम- पुतिन के साथ एक निजी बैठक, प्रतिनिधिमंडल-स्तरीय वार्ता, सीमित बातचीत, पुतिन द्वारा प्रधानमंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए आयोजित एक दोपहर का भोजन और VDNKH कॉम्प्लेक्स के रोसाटॉम मंडप में एक प्रदर्शनी केंद्र का दौरा शामिल है। वह भारतीय प्रवासी के एक सभा को भी संबोधित करेंगे।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने रूस की सरकारी VGTRK टेलीविजन चैनल को बताया कि मोदी का मास्को में कार्यक्रम “विस्तृत” होगा और दोनों नेता “अनौपचारिक बातचीत” भी कर सकेंगे।

पेस्कोव ने कहा- “स्पष्ट रूप से, एजेंडा विस्तृत होगा, अगर इसे अत्यधिक व्यस्त न कहा जाए। यह एक आधिकारिक यात्रा होगी और हमें उम्मीद है कि प्रमुख अनौपचारिक रूप से भी बात कर सकेंगे… हम एक बहुत अहम और पूर्ण यात्रा की उम्मीद कर रहे हैं, जो रूस-भारत संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है। पश्चिमी देशों को इससे जलन हो रही है।

पेस्कोव ने कहा कि रूस-भारत संबंध “रणनीतिक साझेदारी” के स्तर पर हैं, और इसमें क्रेमलिन में एक-के-बाद-एक बातचीत और प्रतिनिधिमंडलों के साथ बातचीत दोनों शामिल होंगे।

क्रेमलिन ने कहा कि पश्चिमी देश प्रधानमंत्री मोदी की आगामी रूस यात्रा को बारीकी से देख रहे हैं। पेस्कोव ने कहा, “वे ईर्ष्या कर रहे हैं – इसका मतलब है कि वे इसे बारीकी से देख रहे हैं। उनकी बारीकी से निगरानी का मतलब है कि वे इसे बहुत महत्व देते हैं। और वे गलत नहीं हैं, इसे बहुत महत्व देने की बात है।

इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि मोदी की रूस यात्रा उनके और पुतिन के लिए “व्यापार सहित कई मुद्दों पर सीधे बातचीत करने का एक बड़ा अवसर” है। उनके अनुसार, भारत और रूस के बीच कुछ मुद्दों का समाधान करने की आवश्यकता है। 

जयशंकर ने कहा, “कुछ मुद्दे हैं… जैसे व्यापार असंतुलन… इसलिए, नेतृत्व स्तर पर, यह प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के लिए एक-दूसरे के साथ सीधे बात करने का एक बड़ा अवसर होगा। और फिर स्पष्ट रूप से, उनकी दिशा-निर्देश के अनुसार, हम देखेंगे कि संबंधों को कैसे आगे बढ़ाया जाए।

यह 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से मोदी की पहली मास्को यात्रा है। हालांकि, मोदी ने पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ कई बार टेलीफोन पर बातचीत की है, जिसमें युद्ध को समाप्त करने के महत्व पर जोर दिया गया है, जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।

मॉस्को यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जुलाई को एक दिन के लिए ऑस्ट्रिया की यात्रा करेंगे। 40 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री ऑस्ट्रिया पहुंचेगा। इससे पहले इंदिरा गांधी ने इस देश का दौरा किया था।

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