अयोध्या पर अनर्गल टिप्पणी से स्वामी वासुदेवानंद नाराज, बोले- प्रभु श्रीराम वोट दिलाने के ठेकेदार नहीं

प्रयागराज। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इशारों-इशारों पर भाजपा पर शब्दबाण छोड़ रहा है। वहीं, फैजाबाद संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह के पराजित होने पर अयोध्या पर अनर्गल बयानबाजी चल रही है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है।
कहा कि प्रभु श्रीराम वोट दिलाने के ठेकेदार नहीं हैं। प्रभु श्रीराम और अयोध्या आस्था व समर्पण का केंद्र है। श्रीराम सबके हैं। ऐसे में प्रभु श्रीराम व उनकी जन्मभूमि अयोध्या पर अनर्गल टिप्पणी करना धर्म व राष्ट्र के खिलाफ है।
रामभक्त नहीं होते पराजित
जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद ने बातचीत में कहा कि जिन्होंने श्रीराम का काम किया है, उनके ऊपर उनकी (श्रीराम) कृपा बरस रही है। यह दृष्टि का फर्क है। जिन्हें लग रहा है कि रामभक्त चुनाव में पराजित हो गए हैं तो यह उनकी भूल है।
श्रीराम भक्त कभी पराजित हो ही नहीं सकते। श्रीराम जन्मभूमि में बना अद्भुत व अलौकिक मंदिर उसका प्रमाण है। केंद्र व प्रदेश की सत्ता में बैठे लोग भारत व सनातन धर्म का मान दुनियाभर में बढ़ा रहे हैं। वो आगे भी बढ़ाएंगे। उनमें न कभी अहंकार था और न आएगा। भक्त अहंकारी नहीं, बल्कि विनम्र होता है। वो कम बोलकर अधिकर कार्य करता है। ऐसे लोगों के ऊपर मेरा आशीर्वाद पहले था और आगे भी रहेगा।
बयानबाजी से माहौल होता है खराब
आरएसएस की ओर इशारा करते हुए कहा कि सनातन धर्म व हिंदुत्व की रक्षा के लिए जीवन खपाने वाले लोगों को अनर्गल बयानबाजी से बचना चाहिए, क्योंकि इससे माहौल खराब होता है। हर शब्द के भाव लोग अपनी मंशा के अनुरूप निकालते हैं। ऐसे में बोलने से पहले यह सोचना चाहिए कि उसका भाव क्या निकलेगा?
सनातन धर्म व हिंदुत्व के सामने चुनौती लगातार बनी हैं। विदेश में बैठी ताकतें रामभक्तों को सत्ता में पचा नहीं पा रही हैं। ऐसी ताकतें चाहती हैं कि सत्ता में उनके इशारों पर चले। देश के अंदर व बाहर उनके लोग सक्रिय हैं। इस प्रकार की चुनौतियों से लड़ने के लिए मिलकर काम करना होगा। तभी अखंड भारत का स्वप्न साकार होगा और सनातन धर्म सुरक्षित हर पाएगा।